कुन्डली का नवां घर धर्म का घर कहा जाता है, यह पिता का घर भी होता है। अगर किसी प्रकार से नवां घर खराब ग्रहों से ग्रसित होता है तो सूचित करता है कि पूर्वजों की इच्छायें अधूरी रह गयीं थी। जो प्राकृतिक रूप से खराब ग्रह होते हैं वे सूर्य, मंगल, शनि कहे जाते है। कुछ लग्नों में अपना काम करते हैं, लेकिन राहु और केतु सभी लग्नों में अपना दुष्प्रभाव देते हैं। इस प्रकार का जातक हमेशा किसी न किसी प्रकार की परेशानी में रहता है साथ ही उसकी शिक्षा पूरी नही हो पाती है, जीविका के लिये तरसता रहता है, वह किसी न किसी प्रकार से दिमागी या शारीरिक रूप से अपंग होता है।
अगर किसी भी तरह से नवां भाव या नवें भाव का मालिक राहु या केतु से ग्रसित है तो यह सौ प्रतिशत पितृदोष के कारणों में आ जाता है। पित्र दोष किसी भी प्रकार की सिद्धि को नहीं आने देता है। सफलता कोशों दूर रहती है और व्यक्ति केवल भटकाव की तरफ़ ही जाता रहता है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति माता काली का उपासक है तो किसी भी प्रकार का दोष उसकी जिन्दगी से दूर रहता है। लेकिन पित्र जो कि व्यक्ति की अनदेखी के कारण या अधिक आधुनिकता के प्रभाव के कारण पिशाच योनि मे चले जाते है उनके दुखी रहने का कारण यही होता है कि उनके ही खून के होनहार उन्हे भूल गए है और उनके ही खून द्वारा मान्यता नहीं दी जाती है। पित्र दोष हर व्यक्ति को परेशान कर सकता है इसलिये निवारण बहुत जरूरी है।
दोष दूर करने के आसान उपाय
पितृदोष को दूर करने का सबसे आसान और बढिया उपाय हम आपको बता रहे हैं जो एक ही बार की ही पूजा है, और यह पूजा किसी भी प्रकार के पितृदोष को दूर करती है। सोमवती अमावस्या को (जिस अमावस्या को सोमवार हो) पास के पीपल के पेड के पास जाइये। उस पीपल के पेड को एक जनेऊ दीजिये और एक जनेऊ भगवान विष्णु के नाम का उसी पीपल को दीजिये। पीपल के पेड की और भगवान विष्णु की प्रार्थना कीजिये साथ ही पीलल की परिक्रमा 108 बार कीजिए। परिक्रमा के बाद एक मिठाई जो भी आपके स्वच्छ रूप से हो पीपल को अर्पित कीजिए। परिक्रमा करते वक्त: ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करते जाइए। परिक्रमा पूरी करने के बाद फ़िर से पीपल के पेड और भगवान विष्णु के लिये प्रार्थना कीजिए और जो भी जाने अन्जाने में अपराध हुये है उनके लिये क्षमा मांगिए। सोमवती अमावस्या की पूजा से जल्द ही उत्तम फलों की प्राप्ति होने लगती है। पित्र दोष से मुक्ति पाने का दूसरा उपाय एक और भी है। कौओं और मछलियों को चावल और घी मिलाकर बनाये गए लड्डू हर शनिवार को दीजिये।