रायपुर(hamardhamtari). कांग्रेस ने कहा है कि पूरा बोनस देने, सूखा राहत देने और कर्जमाफी की मांगों को लेकर किसान राजनांदगांव से रायपुर तक पदयात्रा करने वाले थे, लेकिन 19 सितंबर को पदयात्रा शुरु होने से पहले ही किसान नेताओं को पुलिस ने या तो गिरफ्तार कर लिया या फिर घरों में नजरबंद कर लिया। ब्लॉक मुख्यालयों से राजनांदगांव-मुख्य मार्ग तक जगह-जगह नाकेबंदी करके किसानों को रोका गया। यहां तक कि गांवों में मुनादी तक करवाने की जानकारी मिली है कि किसान आंदोलन में कोई भाग न ले। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टी.एस. सिंहदेव ने संयुक्त बयान में कहा है कि ऐसा दमन तो आजादी से पहले अंग्रेजों के शासन में भी नहीं होता था।
दोनों नेताओं ने कहा है कि सरकार की इस कार्रवाई से इस दावे का भी भांडा फूटा है कि आधे-अधूरे बोनस की घोषणा से किसान खुश हैं। उन्होंने कहा है कि दरअसल बोनस उत्सव मनाने की तैयारी कर रही सरकार किसानों की वास्तविक बदहाली को नकारने की कोशिश कर रही है और समय पर उनकी सहायता करने की जगह आधे-अधूरे बोनस से बहलाने की कोशिश कर रही है।
बयान में कहा गया है कि रमन सिंह जी शुतुरमुर्ग की तरह व्यवहार कर रहे हैं और सोच रहे हैं कि किसानों को आंदोलन करने से रोककर वे किसानों के असंतोष को ढक लेंगे, लेकिन किसान को चाहे गिरफ्तार किया जाए, घरों में कैद कर लिया जाए या उनका रास्ता रोक लिया जाए, उनका असंतोष अब इस सरकार की विदाई के साथ ही खत्म होगा।
कांग्रेस ने कहा है कि वह किसानों को पूरे तीन साल का बोनस, चार साल का समर्थन मूल्य का अंतर ब्याज सहित देने की पक्षधर है। इस हिसाब से हर किसान को प्रति एकड़ करीब 4000 रुपए मिलना चाहिए लेकिन रमन सरकार सिर्फ 300 रुपए देकर टरकाने की कोशिश कर रही है। जब राज्य के तीन चैथाई जिलों में सूखा पड़ा हुआ है तब सूखा राहत देने की जगह सरकार उत्सव मनाने की तैयारी कर रही है।
भूपेश बघेल और टी.एस. सिंहदेव ने कहा है कि सरकार किसानों को लेकर असंवेदनशील है और इसीलिए लोकतांत्रिक ढंग से अपनी बात रखने देने से भी इनकार करते हुए उनका दमन कर रही है। उन्होंने कहा है कि 22 सितंबर को कांग्रेस अपने किसान आंदोलन में इस दमन का भी विरोध करेगी।