रायपुर(hamardhamtari.com). गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में स्वाइन फ्लू का इलाज करा रहे मरवाही विधायक अमित जोगी ने छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू के उपचार की व्यवस्था न होने पर छत्तीसगढ़ सरकार को जमकर घेरा। जोगी ने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि आठ हज़ार करोड़ रूपए का भारी-भरकम वार्षिक स्वास्थ्य बजट होने के बावजूद आज पूरे छत्तीसगढ़ में केवल जगदलपुर में स्वाइन फ्लू की जाँच कराई जा सकती है। और वहाँ पर भी जाँच करने वाले उपकरण जंक खा रहे हैं। मतलब अगर कोई अम्बिकापुर या बिलासपुर निवासी स्वाइन फ्लू से बीमार पड़ता है, तो उसको उसकी बीमारी का पता हफ़्ते भर बाद ही चलेगा और तब तक स्वाइन फ्लू का वाइरस उसके पूरे फेफड़े को नष्ट कर चुका होगा। यही नहीं, प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में स्वाइन फ्लू का सही बचाव और उपचार- जैसे कि स्वाइन फ्लू से ग्रसित मरीज़ को पृथक वार्ड में रखा जाना ताकि दूसरों को इन्फ़ेक्शन न हो, प्रभावित हो सकने वाले लोगों को पहले से वैक्सीन लगाना, सही समय पर टामीफ्लू गोली खिलाना इत्यादि- उपलब्ध नहीं है। शायद यही वजह है कि छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू धीरे धीरे एक महामारी का रूप ले रहा है और इससे होने वाली मौतों का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है।
स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति सरकार की संवेदनहीनता और विभाग की लापरवाही को उजागर करते हुए जोगी ने कहा कि, जब सरकार को मालूम है कि स्वाइन फ्लू की समस्या प्रदेश में गंभीर रूप ले चुकी है तो क्यों नहीं प्रदेश में एक अनिवार्य टीकाकरण अभियान चलाया जाता है जिसके तहत सरकार यह सुनिश्चित करे कि पूरे प्रदेश के लोगों को स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए टीका लगवाया जाए। बहुत ही अफ़सोस के साथ कहना पड़ रहा है कि छत्तीसगढ़ में स्थिति ठीक इसके विपरीत है - बाजार में न ही स्वाइन फ्लू के टीके उपलब्ध हैं और न ही पर्याप्त मात्रा में टामीफ्लू आदि गोली।
अमित जोगी ने कहा कि मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्री फ़र्ज़ी आकड़े पेश कर अवार्ड पाने और अपनी पीठ थपथपवाने में मस्त हैं जबकि जनता स्वास्थ्य की बुनियादी सुविधाएँ नहीं मिलने की वजह से त्रस्त है। गत दिनों जब स्वास्थ्य मंत्री से स्वास्थ्य बजट पर खर्च की गयी राशि के विषय में सवाल किया गया तो बड़ी चालाकी से मंत्रीजी ने राज्य के बजट को छोड़ केंद्रीय बजट से प्राप्त हुई राशि के खर्च के आकड़े पेश करके जनता को गुमराह कर अपनी पीठ थपथपवाने का प्रयास किया। और जब अपने जवाबों में फंसते दिखे तो पूरे मामले को धर्म और जाति की तरफ मोड़ने का प्रयास किया। जोगी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि "स्वास्थ्य मंत्री ट्वीटर पर और उनका विभाग स्ट्रेचर पर" ये हाल है प्रदेश का। स्वास्थ्य विभाग स्वयं ही बीमारू विभाग है। जोगी ने कहा कि स्वास्थ मंत्री ट्विटर से ज्यादा, छत्तीसगढ़ में स्वास्थ सुविधा बेहतर करने में ध्यान दें तो प्रदेश की जनता को लाभ मिल सकेगा।
अमित जोगी ने कहा कि हर कोई इलाज कराने प्रदेश के बाहर नहीं जा सकता। ये बात सरकार को सोचनी चाहिए। छत्तीसगढ़ के डॉक्टरों का धन्यवाद देते हुए कहा कि स्थानीय डॉक्टरों ने समय रहते उन्हें दिल्ली जाने का सुझाव दिया जिससे शुरुवाती दौर में ही स्वाइन फ्लू से ग्रसित होने का पता चल गया। जोगी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के ढाई करोड़ लोगों की दुआओं के परिणामस्वरूप अब वो पहले से बहुत बेहतर हैं और अतिशीघ्र छत्तीसगढ़ लौटेंगे।