इस प्रचार रथ में साउंड सिस्टम, पम्पलेट और दो दो वालेंटियर है जो रक्तदान की जागरूकता के लिए गाने बजाएंगे। साथ ही पम्पलेट बांटकर मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पतालों में रक्तदान के लिए लोगों को प्रेरित करेंगे। इस अवसर पर रायपुर लोकसभा सांसद रमेश बैस, स्वास्थ्य एवं पंचायत ग्रामीण विकास मंत्री अजय चन्द्राकर, कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, पाठ्य पुस्तक निगम अध्यक्ष देवजीभाई पटेल, आरंग विधायक नवीन मार्कण्डेय, मुख्य सचिव विवेक ढांढ, पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव एमके राऊत, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं रानू साहू, कलेक्टर ओपी चौधरी, उपर संचालक ब्लड व अतिरिक्त परियोजना संचालक डॉ. एस के बिंझवार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शांडिल्य सहित अन्य अधिकारी और जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
2 लाख 55 हजार ब्लड यूनिट की जरूरत: रानू साहू
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के उच्चतर प्रबंधन तथा अपातकालीन परिस्थियों में रक्त का समुचित उपलब्धता के लिए ब्लड बैंक की स्थापना की गई। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने सप्ताह भर इस अभियान को चलाने के फैसला लिया है। संचालक स्वास्थ्य रानू साहू ने बताया कि प्रदेश में सिकल सेल, एनीमिया, थैलीसीमिया व अन्य रक्त विकारो को भी रक्त की आवश्यकता होती है। इन्हें नियमित रूप से सुरक्षित रक्त चढाया जाना होता है। कृत्रिम विधि से आज तक रक्त नहीं बनाया जा सका है। राज्य में जनसमान्य को स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए सभी जिलों में रक्तदान शिविर व विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि राज्य में कुल जनसंख्या के आधार पर जनसंख्या का एक प्रतिशत रक्त यूनिट की आवश्यकता होती है। इसके आधार पर प्रदेश में लगभग 2 लाख 55 हजार से अधिक रक्त यूनिट की आवश्यकता होती है। इसके विरूद्ध राज्य में साल 2016-17 में कुल 1 लाख 70 हजार रक्त संग्रह हुआ। वहीं साल 2015-16 में 1 लाख 61 हजार 713 यूनिट ब्लड संग्रहित की गई। लोगों में अब ब्लड डोनेशन के लिए जागरूकता बढ़ रही है।