कुरुद। सीढ़ियां उन्हें मुबारक हो, जिन्हें छत तक जाना है, मेरी मन्जिल तो आसमान है, रास्ता मुझे खुद बनाना है। यह प्रेरणादायी कविता किसी बड़े कलमकार की सोच नहीं बल्कि कुरुद के सेमरा गांव की बेटी की है ,जिन्होंने सांसारिक माया, सामाजिक कुरुतियां, दहेज प्रथा, मां की ममता, पिता का प्यार साथ ही राष्ट्र और धर्म समाजिक सद्भावना को लेकर कई कविता लिखे हैं। यह कविता किसी बड़े कवि, कवयित्री या कलमकार ने नही लिखा है बल्कि इन्हें तो धमतरी जिले के कुरुद विकासखण्ड के ग्राम सेमरा बी की बेटी माही जैन ने लिखी है, जिनके बारे में जानकर बड़ी हैरानी होगी । माही जैन 15 वर्ष की 10 वीं क्लास की छात्रा है। इनके माता श्वेता जैन एवं पिता राकेश जैन है।
माही जैन जो वर्तमान में टैगोर नगर, रायपुर की रहने वाली है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति से लगातार लेखन में मेंहनत कर रही है, जिसके चलते उन्होंने रायपुर के महावीर जयंती में आयोजित कविता पाठ में नन्ही कलाकार के रूप में प्रथम स्थान प्राप्त किया, इन्होंने अभी तक कई विषयों पर कविता लिखी है, जिनकों लोगों के तरफ से तारीफ मिली है, इन्होंने इंसान बनो, महिला की कभी इतवार नही आती एवं कोरोना जैसे महामारी के विषयों पर कविता लिखी है।
जब माही जैन से चर्चा किया तो बताया कि मेरे कविता लिखने का श्रेय मैं अपने माता-पिता एवं पूरे परिवार वालों को देती हूं, जिन्होंने मेरी हमेशा सपोर्ट करते रहे एवं बड़े भैया आशीष जैन जो हमेशा मेरे साथ लिखने में मदद करते है और करते रहेंगे। वहीं बता दें कि माही जैन सेमरा (बी ) के बस स्टैंड के पास रहने वाले भंवर लाल व दशोदा बाई जैन की पौत्री है ।