कुरूद। नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए पूर्व पार्षद और सांसद प्रतिनिधि मूलचंद सिन्हा ने आज बाजे-गाजे और विशाल जनसमूह के साथ अपना नामांकन दाखिल किया। इस घटनाक्रम से नगर की राजनीति गर्माहट ला दी है। नगर के चौक-चौराहों और गलियों में दिनभर यही चर्चा होती रही कि क्या भाजपा में सबकुछ सही नहीं चल रहा है।भारतीय जनता पार्टी को अनुशासनप्रिय पार्टी का तमगा मिला हुआ है, लेकिन इस बार के चुनावी माहौल ने इस छवि को सवालों के घेरे में ला दिया है।
विदित हो कि कल ही भाजपा द्वारा विधायक अजय चंद्राकर की मौजूदगी में अधिकृत प्रत्याशी का नामांकन दाखिल कराया गया था। इसके बावजूद आज मूलचंद सिन्हा द्वारा नामांकन भरना पार्टी के भीतर बढ़ती खींचतान का संकेत दे रहा है। नामांकन प्रक्रिया के दौरान जिस तरह से शक्ति प्रदर्शन किया गया, उसने पार्टी नेतृत्व की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। चर्चा यह है कि अगर यह गुटबाजी जारी रही तो भाजपा की राह पहले से अधिक कठिन हो सकती है।
हालांकि, स्थानीय राजनीतिक जानकारों का कहना है कि चुनावी प्रक्रिया में इस तरह की स्थिति बनना सामान्य है। नामांकन वापसी की अंतिम तिथि तक गुटों में सुलह हो सकती है और पार्टी एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी। लेकिन यदि सुलह नहीं होती, तो यह भाजपा के लिए बड़े संकट का कारण बन सकता है। इस घटनाक्रम के बाद नगर की जनता में उत्सुकता का माहौल है। लोग यह जानने के लिए उत्सुक हैं कि भाजपा अंततः किस रणनीति से इस समस्या का समाधान करेगी। देखना यह होगा कि भाजपा गुटबाजी की इस समस्या को कैसे हल करती है और क्या नामांकन वापसी तक पार्टी अपनी पुरानी एकजुटता दिखाने में सफल होगी।