गौवंशीय-भैंसवंशीय पशुओं में खुरहा-चपका रोग से बचाने
धमतरी। गौवंशीय-भैंसवंशीय पशुओं को खुरहा-चपका रोग से बचाने के लिए एफ.एम.डी. मुक्त भारत अभियान के तहत आगामी 15 अप्रैल तक प्रतिबंधात्मक टीकाकरण किया जा रहा है। उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ.एम.एस.बघेल ने जिले के सभी पशु चिकित्सालयों एवं औषधालयों में 60 टीम गठित किया है, जो पशुपालकों के घर, गौठानों, गौशालाओं जाकर पशुओं का टीकाकरण कर रहे हैं। साथ ही टीकाकृत पशुओं को टैग नम्बर के आधार पर भारत पशुधन एप में ऑनलाईन इंद्राज किया जा रहा है। उन्होंने पशुपालकों से अपील की है कि वे अपने 4 माह से ऊपर के सभी पशुओं को खुरहा-चपका (एफ.एम.डी.) का प्रतिबंधात्मक टीकाकरण जरूर कराएं।
उप संचालक ने बताया कि खुरहा-चपका रोग संक्रामक विषाणुजनित रोग है, जो बीमार पशु से स्वस्थ पशुओं में तेजी से फैलता है। रोग के लक्षण हैं पशु को तेज बुखार, उसके मुंह, मसूड़े और जीभ के ऊपर, ओंठ के अंदर तथा खुरों के बीच में छाले पड़ जाते हैं, ऐसी स्थिति में पशु जुगाली करना बंद कर देता है। इसके साथ ही मुंह से लार गिरना, सुस्त पड़ना, लंगड़ाना, दुधारू पशुओं में दूध उत्पादन कम हो जाना भी इस बीमारी के लक्षण हैं। डॉ.बघेल ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पशु उत्पादों के निर्यात में कमी का एक मुख्य कारण खुरहा-चपका बीमारी भी है।