छत्तीसगढ़ में दिव्यांगजनों के लिए सेवाओं की पहुंच हुई और मजबूत, महासमुंद जिले के बोकरामुड़ा कला शिविर में 340 हितग्राही लाभान्वित

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रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दिव्यांगजनों को समयबद्ध, सुगम और पारदर्शी सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्यभर में दिव्यांगजन प्रमाणीकरण, प्रमाण पत्र नवीनीकरण, सहायक उपकरण चिन्हांकन एवं यूडीआईडी कार्ड निर्माण शिविरों का चरणबद्ध आयोजन किया जा रहा है। दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार की यह पहल प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व और समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के मार्गदर्शन में प्रदेश में दिव्यांगजनों को सशक्त बनाने तथा उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सेवा-सुविधाओं का विस्तार तेजी से किया जा रहा है। सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश का हर दिव्यांगजन प्रमाणन, उपकरण तथा पहचान से संबंधित सेवाओं तक आसानी से पहुँच सके।

इसी कड़ी में महासमुंद जिले के विकासखण्ड बागबाहरा के ग्राम पंचायत बोकरामुड़ा कला में 17 नवंबर को आयोजित शिविर में 340 दिव्यांगजन शामिल हुए, जिसमें 184 पंजीयन,55 नए प्रमाणीकरण,07 प्रमाण पत्र नवीनीकरण,15 सहायक उपकरण चिन्हांकन तथा 66 यूडीआईडी आवेदन संकलित किए गए।

राज्य शासन के निर्देशों पर आयोजित इन शिविरों का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि दिव्यांगजन बिना किसी बाधा के प्रमाण पत्र तथा आवश्यक उपकरणों के मूल्यांकन का लाभ प्राप्त कर सकें। राज्य के दूरस्थ और ग्रामीण क्षेत्रों में भी इन शिविरों की श्रृंखला के माध्यम से दिव्यांगजन सेवाओं का लाभ सरलता से ले पा रहे हैं।

शिविर में जनपद पंचायत बागबाहरा के अध्यक्ष केशव नायक राम चन्द्राकर ने उपस्थित लाभार्थियों, अधिकारियों और कर्मचारियों को नशामुक्ति का संकल्प दिलाते हुए कहा कि राज्य सरकार की यह पहल दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर और मुख्यधारा से जोड़ने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

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