रेत खनन और अधिकारी , जनप्रतिनिधि की बहस या ब्राउंड गोल्ड का काला सच

धमतरी @ विश्वनाथ गुप्ता। धमतरी में रेत माफिया का स्तर इस कदर प्रभावि रहा है की कोई भी अधिकारी इस पर लगाम लगाने की तमन्ना पूरी नही कर सका ,,कारण रहा पॉलिटिक्स दबाव या अधिकारियों की खुद की संदेही करवाई।
लेकिन कुछ दिन पूर्व एक जन प्रतिनिधि और एक अधिकारी की आपसी आरोप प्रत्यारोप से यह बात कहना लाजमी हो गया है की
धमतरी में अवैध रेत खनन की बंदर बाट जारी है चाहे उसका प्रारूप कोई भी हो शासन किसी का भी हो प्रशासन में कोई भी बैठा हो महानदी की किडनी ,हार्ट ,आंख सब बेची जाएगी चाहे स्तर कैसा भी हो। अब सवाल ये उठता है कौन सच्चा कौन झूठा इसका फैसला सुरक्षित इस पचड़े से जो बच निकलेगा तब समझ आएगा।
लेकिन शासन में बैठे सफेद पोस बड़े जनता के हितैसीयो को आगे आकर इस धोबी घाट के मैले कपड़ों को दुरुस्त करना होगा चाहे वो कॉलर किसी भी की हो अगर मैली है तो धुलनी आवश्यक है क्योंकि दाग अच्छे है पर जनप्रतिनिधि और अधिकारियों में टाइड फार्मूला कुछ एक ही बचे हो सकते है। फिलहाल एक तरफ जनप्रतिनिधि लगातार सामने आकर महिला अधिकारी पर आरोप लगा रहे है तो वही महिला अधिकारी ने भी अपने ऊपर के अधिकारी से इस बात की शिकायत कर दी है। अब देखे कौन सच्चा कौन झूठा ये तो बात खुलने पर पता चलेगी।

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