अब डिस्पेंसरी मजदूरों को सीधे विशेषज्ञ हॉस्पिटल में कर सकेंगे रेफर, श्रम मंत्री ने दिए निर्देश

रायपुर। कर्मचारी राज्य बीमा निगम की क्षेत्रीय परिषद् की बैठक में प्रदेश के श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ऐसी व्यवस्था बनाए जिसमें श्रमिक और उनके परिवार जनों को डिस्पेंसरी से सीधे विशेषज्ञ हॉस्पिटल (अनुबंधित) में रेफर कर सकें। वर्तमान में गंभीर बीमारी से ग्रस्त और इमरजेंसी में मरीजों को पहले ईएसआईसी के डिसपेंसरी फिर मुख्य अस्पताल से अनुबंधित अस्पताल रेफर करवाना पड़ता है। इस जटिल प्रक्रिया की वजह से श्रमिक परिवारों को काफी परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए मंत्री श्री देवांगन ने कहा की ईएसआईसी जब तक अपने अस्पतालों में सुविधा नही बढ़ाती तब तक मरीजों को अन्य अस्पतालों में पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराएं। कैबिनेट मंत्री ने प्रदेश के राइस मिल, मॉल, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, निजी स्कूल समेत अन्य संस्थान के सर्वे कर ज्यादा से ज्यादा कर्मियों को ईएसआईसी में पंजीकृत करने के निर्देश। उन्होंने बस्तर में जल्द कार्यालय और अस्पताल प्रारंभ करने निर्देशित किया। प्रदेश में 4 नए औषधालय शुरु करने के निर्देश दिया। साथ ही ईएसआईसी अस्पतालों में आईपीडी की सुविधा बढ़ाने को कहा।

श्रम मंत्री श्री देवांगन ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा संचालित अस्पतालों में श्रमिकों का बेहतर से बेहतर उपचार हो, उन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो। कैबिनेट मंत्री श्री देवांगन आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में कर्मचारी राज्य बीमा निगम के अंतर्गत क्षेत्रीय परिषद जिसमें ईएसआई एवं आरआईटीईएस के अधिकारियों की बैठक में इस आशय के निर्देश दिए। श्री देवांगन ने इएसआईसी अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं का निरीक्षण करने हेतु रीजनल बोर्ड के सदस्यों को ईएसआई स्थानीय चिकित्सक द्वारा आमंत्रित करने को कहा। छत्तीसगढ़ क्षेत्र में 4 नए औषधालय जिनमें ग्राम लारा, खरसिया, तिल्दा एवं उरला में खोलने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इस संबंध में कर्मचारी राज्य बीमा निगम द्वारा कार्यवाही की जा रही है।

कैबिनेट मंत्री श्री देवांगन ने बिलासपुर जिले हेतु 100 बेड अस्पताल के निर्माण के संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली। अधिकारियों ने बताया कि अस्पताल हेतु राज्य शासन के द्वारा भूमि के दिए गए विकल्पों का समिति के द्वारा परीक्षण कर मुख्यालय भेजा गया है। मुख्यालय कर्मचारी राज्य बीमा निगम के द्वारा विकल्पों का मूल्यांकन किया जा रहा है। बस्तर जिले हेतु औषधालय कार्यालय (डीसीबीओ) का अनुमोदन किया गया। जिसमें मुख्यालय कर्मचारी राज्य बीमा निगम के द्वारा लिए गए नीतिगत निर्णयों के अनुसार केवल शासकीय, अर्द्धशासकीय, सार्वजनिक उपक्रम के भवनों में नए कार्यालय खोले जाने है। किन्तु अभी तक उपयुक्त भवन उपलब्ध नही हो पाया है। इस संबंध में कैबिनेट मंत्री ने भारत संचार निगम एवं भारतीय जीवन बीमा निगम को भवन की उपलब्धता हेतु इन संस्थाओं से सम्पर्क करने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन के द्वारा ग्राम कुरूंदी औषधालय सह कार्यालय (डीसीबीओ) के निर्माण हेतु जमीन चिन्हित की गई है। यह जमीन इस हेतु उपयुक्त पायी गई है। निगम के द्वारा राज्य शासन से आबंटन यथाशीघ्र कराने के संबंध में प्रस्ताव भेजने पर सहमती व्यक्त की गई।

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