
धमतरी…. जिला प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक धरोहरों और विविध जैविक संसाधनों से परिपूर्ण एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। जिले के वनाच्छादित पर्वतीय अंचलों और जलधाराओं में अनेक दर्शनीय स्थल हैं, जिनमें नरहरा जलप्रपात विशेष रूप से लोकप्रिय होता जा रहा है। इस प्राकृतिक धरोहर को ईको-पर्यटन और साहसिक गतिविधियों (एडवेंचर टूरिज्म) के केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में जिला प्रशासन की गंभीर कोशिशें जारी हैं।
इसी क्रम में कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने नरहरा जलप्रपात का दौरा कर क्षेत्र का निरीक्षण किया और पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु की जा रही व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उनके साथ वनमंडलाधिकारी जाधव श्रीकृष्णा, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी रोमा श्रीवास्तव, नगरी एसडीएम प्रीति दुर्गम, संबंधित विभागों के अधिकारी, नरहरा जलप्रपात प्रबंधन समिति के सदस्य और बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण जन उपस्थित थे।
पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाओं का निर्देश
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने जलप्रपात के आस-पास की मूलभूत सुविधाओं जैसे-सुरक्षित आने-जाने हेतु सीढ़ियों का निर्माण, पूजन स्थल हेतु मंदिर शेड का निर्माण, दिशा-निर्देश हेतु साइन बोर्डों की स्थापना, पर्यटकों के लिए पार्किंग की समुचित व्यवस्था, तथा खाद्य-पेय हेतु ठेला, चाय-नाश्ते की दुकानें इत्यादि की आवश्यकता को चिन्हित करते हुए संबंधित अधिकारियों को शीघ्र कार्यवाही के निर्देश दिए।
उन्होंने यह भी कहा कि पर्यटकों के साथ अच्छा व्यवहार करते हुए स्थानीय ग्रामीणों को इस स्थल की जिम्मेदारी को आत्मसात करना होगा। साथ ही उन्होंने दुर्घटना संभावित स्थानों पर पर्यटकों की आवाजाही पर निगरानी रखने की अपील की, जिससे किसी प्रकार की अप्रिय घटना को रोका जा सके।
एडवेंचर गतिविधियों पर जोर-बच्चों से संवाद
निरीक्षण के दौरान जलप्रपात में घूमने और खेलने आए बच्चों से कलेक्टर ने संवाद किया। उन्होंने बच्चों से उनके अनुभव पूछे और साहसिक खेलों में उनकी रुचि को देखकर स्थल पर एडवेंचर टूरिज्म के संभावनाओं को और अधिक सुदृढ़ करने की बात कही। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि मनोरंजन और साहसिक गतिविधियों से जुड़ी सामग्री जैसे-रोप वे, ट्रैकिंग किट, झूले, बच्चों के खेल उपकरण आदि की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
डिजिटल भुगतान व्यवस्था की शुरुआत
पर्यटन स्थल को आधुनिक और व्यवस्थित बनाने के उद्देश्य से कलेक्टर ने एचडीएफसी बैंक की पहल के तहत नरहरा जलप्रपात प्रबंधन समिति (कोटरवाही) को डिजिटल पेमेंट बारकोड प्रदान किया। इसके माध्यम से अब पर्यटक नकदी के अलावा यूपीआई व अन्य डिजिटल माध्यमों से भी भुगतान कर सकेंगे। यह पहल पारदर्शिता, सुविधा और स्थानीय आय की निगरानी के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कदम है।
स्थानीय युवाओं को टूरिस्ट गाइड के रूप में प्रशिक्षित करने की पहल
पर्यटन स्थल पर गुणवत्तापूर्ण मार्गदर्शन और सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु स्थानीय युवाओं को टूरिस्ट गाइड के रूप में प्रशिक्षित किया गया है। आज कलेक्टर द्वारा इन प्रशिक्षित गाइडों को प्रशिक्षण प्रमाणपत्र वितरित किए गए। इससे न केवल स्थानीय बेरोजगारों को स्वरोजगार का अवसर मिलेगा, बल्कि पर्यटकों को भी व्यवस्थित एवं जानकारीपूर्ण अनुभव प्राप्त होगा।
स्थानीय सहभागिता पर विशेष बल
कलेक्टर श्री मिश्रा ने ग्रामीणों से अपील की कि वे पर्यटन स्थल की स्वच्छता, व्यवस्था और पर्यटक सेवा में सक्रिय सहभागिता निभाएं। उन्होंने कहा कि नरहरा जलप्रपात की पहचान अब केवल एक झरने की नहीं, बल्कि जिले की पर्यटन और आजीविका के रूप में बन रही है। इसके रख-रखाव और समुचित संचालन में ग्रामीणों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी।
’वनमंडलाधिकारी जाधव श्रीकृष्णा ने कहा कि जलप्रपात के आस-पास का क्षेत्र वनक्षेत्र होने के कारण पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना भी आवश्यक है। इसके लिए वन विभाग सतत निगरानी करेगा और पर्यावरणीय अनुकूल गतिविधियों को ही बढ़ावा देगा।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती रोमा श्रीवास्तव ने कहा कि पंचायती राज संस्था और जिला प्रशासन मिलकर इस क्षेत्र को पर्यटकों के लिए एक सुरक्षित, सुंदर और आत्मीय स्थल बनाएंगे।
नरहरा जलप्रपात का समग्र विकास न केवल धमतरी जिले के पर्यटन मानचित्र को मजबूती देगा, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था, रोजगार, संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण को भी नया आयाम देगा। कलेक्टर के नेतृत्व में जिस तरह से समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं, उससे यह स्थल शीघ्र ही छत्तीसगढ़ के प्रमुख ईको और एडवेंचर टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित हो सकता है।’