पुरजोर कोशिश के बाद भी बकरा पार्टी और जंगली जुआं फिर होगा शुरू ?

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 धमतरी @ विश्वनाथ गुप्ता…. धमतरी सहित इसके वनाचंचल छेत्रों और कई गावों में जुआरी ग्रुप फिर मुस्तैद हो कर जुआं की महफिल सजाने में जुट गया है
गुण्डरदेही रोड़ के जंगलो ,, लिमतरा में, केरेगांव में ,नगरी के एक चिर परिचित बांस टॉल में बिरेझर के जंगलों में फिर ये जुआरी ग्रुप देखे जा रहे है
साथ ही भटगांव ,रुद्री एरिया और धमतरी के अंदर मध्यस्थ इलाको में भी जुआं की महफिल चलाने की खबर है
साथ ही आमदी भाखरा थानों में भी सुगबुगाहट शुरू हो गई है सभी को थाना क्षेत्र के नए प्रभारियों का इंतेजार है की कौन किस करवट बैठता है
पुलिस भी जहां जायदा उथल पुथल के इलाको में दबिश देकर जुआरियों पर कार्यवाई तो कर रही लेकिन खिलाड़ियों को छोड़ कोई खेलाने वाला पकड़ में नहीं आ रहा है
इसका कारण ये नही की पुलिस उनको छोड़ने के फिराक में है ये जुआरी मास्टर फील्ड को बाहर रहकर आपरेट कर रहे है इनके पाले हुऐ गुर्गे अंदर रहकर फील्ड आपरेट करते है  और ये बाहर रहकर निगरानी करते , कराते है
हर जुआरी को पुलिस सेटिंग का भरोसा दिया जाता है की सब कुछ सेट है दिल खोलकर जुआं खेलिए मेंहरबान सब कुछ कंट्रोल में है तभी तो आपको बकरा पार्टी दी जा रही है
कुछ पुराने नाम चीन जुआरी बड़े अधिकारियों से बात चल रही जैसी बाते मार्केट में फैला कर ,,काम जमाने

की फिराक में घूम रहे है तो कुछ बात हो गई करके चालू करने बकरा पार्टी का आयोजन कर रहे ,,हालाकि सायबर टीम की नजर सब पर जमी हुई है की एक गलती और चूहा पिंजरे में ,,थाना क्षेत्र के अधिकारियों को पॉलिटिक्स आवाजाही से फुर्सत मिले तो दूसरा काम हो ,,कोई जुबां से बोलना नही चाहता लेकिन दिखता है की क्या चल रहा है
इसमें कोई दोराय नहीं है की सभी थाना क्षेत्र में पुलिस बल की कमी देखने को मिल रही है जिससे सभी प्रभारी परेशान तो है लेकिन कहना कुछ नही चाहते ,,लेकिन गाहे बाहें बात ज़ुबान पर आ ही जाती है की अपना दर्द किसे सुनाएं ,,खुद की पीड़ा कैसे मिटाए वाली कहावत है
फिलहाल धमतरी जिले के जुआरियों को पुलिसिंग का खौफ नहीं है ये बात पक्की होती दिख रही है या फिर ये कानूनी रूप रेखा से संतुष्ट है की कौन सी सजा हो जानी है जायदा से जायदा 151 या फिर कोर्ट का एकाद चक्कर जो इनको मामूली लगने लगा हैं.

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