धमतरी @ विश्वनाथ गुप्ता। धमतरी जिला कलेक्टर आफिस से लगे कंपोजिट बिल्डिंग के पीछे भूमाफियाओं ने मकड़ जाल बिछा हुआ है। पहले किसान के नाम पर पेड़ो की कटाई जिसका परमिशन हुआ है या नहीं, पता नही और हुआ तो किस कारण हरे भरे पेड़ो को काटने की परमिशन दी गई,अभी तो रबी फसल भी नहीं लगानी और बरसाती फसल में पेड़ो से कोई नुकसान फसल को होगा नही। क्योंकि जो पेड़ काटे गए है वो कहुआ प्रजाति के है, जिस पर सिर्फ चापोड़ा यानी लाल चांटा पाया जाता है जो फसल को किसी भी सूरत में नुकसान नहीं पहुंचा सकता और अगर सकता भी है तो बरसाती फसल में इस पेड़ में ये चापोड़े अपनी जिंदगी की लड़ाई लड़ते रहते है तो कहा किसी को नुकसान पहुंचा पाएंगे।
इसका सीधा मतलब है अवैध प्लाटिंग माफिया किसान से पेड़ कटवाकर वहां सिर्फ अवैध प्लाटिंग कर सके और खेती जमीन को मनमाने तरीके से खपा करोड़ो की कमाई कर सके जहां पेड़ काटे गए है नगी आंखो से देखने पर ही पता चलता है की वहां सैकड़ों ,हजारों की संख्या में पेड़ काटे गए है और रातों रात अवैध प्लाटिंग माफियाओं ने करोड़ो पीटे है इस गोरख धंधे में ये अकेले नहीं है क्यों की इसकी रजिस्ट्री, प्रतिवेदन ,नक्शा ये सब बिना मौके जाए नही हो सकता और अगर हो रहा है तो क्या प्रशासन को इसकी जानकारी नहीं है और है तो सिर्फ नाम की रास्ता तोड़ू करवाई क्यों ताकि महीना बीत जाने पर फिर से काम धंधा चालू किया जा सके।
प्रशासन ने कई दफा अवैध प्लाटिंग माफियाओं और भू स्वामी पर एफआईआर की बात तो की लेकिन सिर्फ बात ही की कार्यवाई नही की। इन बे तरतीब अवैध प्लाटिंग और पेड़ो की कटाई से सिर्फ पर्यावरण ही नही लहलहाते खेत भी खत्म होने की कगार पर है जीवन के लिए बोया जाना भी जरूरी है सिर्फ काटने से बात नहीं बनती। इन सब चक्करो में लिप्त लोग पैसे तो बहुत बना लेंगे पर अपने हो बच्चो का भविष्य रेगिस्तान में छोड़ जायेंगे।
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