भरदा में दिन-रात 48 घंटे बाद भी नहीं खुला चक्का जाम

टोमन लाल सिन्हा @ मगरलोड। धमतरी जिला के विकासखंड मगरलोड के ग्राम पंचायत भरदा के ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन चक्का जाम सोमवार से शुरू कर दिया 2 दिन से दिन रात में भी ग्रामीणों ने मुख्य मार्ग में बैठकर भोजन कर रहे हैं ग्रामीण ऊगेश्वर हेमलाल देवाराम थानू हीरालाल सहित सैकड़ों लोगों ने बताया कि गांव में मनरेगा कार्य के तहत कच्ची सड़क बनाना है जिसमें गांव की कुछ ग्रामीण लोग कच्ची सड़क बनाने का विरोध कर रहे हैं जिससे ग्रामीणों में लगातार रोष पनप रहा है शासन की उदासीनता के कारण मगरलोड मेघा जाने की मुख्य मार्ग में सोमवार सुबह से चक्का जाम कर रात में भी राहगीरों को रोक कर आवागमन करने नहीं दिया जा रहा है जिससे राहगीर आम जनताओ को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है 48 घंटे बाद भी प्रशासन चक्का जाम हटाने में कामयाब नहीं हो पाया है जिससे आम जनता में जन आक्रोश पनप रहा है राहगीर आने जाने वाले लोग नहर किनारे नाला से लगा हुआ कच्ची पगडंडी रास्ते में एक तरफ 40 फीट की गहरी खाई दूसरी तरफ नहर का कुआं से बीच रास्ते से राहगीर जिंदगी और मौत को सौप कर निकल रहे हैं छोटे-छोटे बाल बच्चे परिवार सहित लोग दुर्घटना को जानते हुए भी विवश होकर खेतों के जरिए निकल रहे हैं ग्रामीणों ने सड़क बनाने की मांग को प्रशासन से हल करने की मांग किया जा रहा है नहीं हुआ तो अनिश्चितकालीन के चेतावनी देकर सोमवार से रात और दिन चक्का जाम कर दिए हैं जिससे राहगीरों और आम जनता में प्रशासन की उदासीनता से नाराज हो रहे हैं वही जनप्रतिनिधि लोग भी मनरेगा में बनने वाले सड़कों की मौके पर जाकर निरीक्षण करना चाहिए जिससे आम जनताओं की समस्या हल हो सके इस चक्का जाम में सिहावा के पूर्व विधायक श्रवण मरकाम , भाजपा मंडल अध्यक्ष विजय यदु, जिला उपाध्यक्ष नरेश सिन्हा, जिला पंचायत सदस्य खूब लाल ध्रुव सरपंच भरदा गेंदा गजेंद्र के साथ नगरी जनपद अध्यक्ष दिनेश्वरी महेंद्र नेताम के साथ सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित हैं राहगीरों एवं आम जनताओ ने अति शीघ्र ही चक्का जाम को हटाने की मांग प्रशासन से किया है

इस संबंध में प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के पीएसओ से भी चर्चा किया गया है जिला कलेक्टर पी एस एलमा स्थानांतरण होने की बात कही तो जिला पंचायत सीईओ महोबिया ने तहसीलदार को भेजने की बात कही मगरलोड तहसीलदार रहे विवेक गोहिया ने स्थानतरण होने की बात कही इस तरह उच्च अधिकारी भी अपने कर्तव्यों से किनारा हो रहे हैं और आम जनता इस चक्का जाम में पीसते जा रहा है अगर नहर किनारे पगडंडी रास्ते से किसी की मौत हो जाती है तो उसके जिम्मेदार जिला प्रशासन के कौन अधिकारी रहेगा या ग्राम पंचायत के कोई पदाधिकारी होगा इस पर जल्द से जल्द निराकरण करने की आम जनता ने मांग प्रशासन से किया है जिससे राहगीरों व आम जनता को राहत मिले।

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