धमतरी। जिले के भखारा रोड पर स्थित ग्राम तेलीनसत्ती में 12 वीं शताब्दी के बाद से अब तक होलिका दहन नहीं किया गया है। ग्रामीणों का मानना है कि जो लोग युगों से चली आ रही परम्परा को नहीं मानते, उनके साथ बुरा होता है या उनकी मृत्यु तक हो जाती है। वहीं बुजुर्गों के अनुसार गांव की एक माहिला की जिस शख्स से शादी तय हुई थी, उसकी बलि दी गई थी, जिसके बाद उस महिला ने खुद को आग के हवाले कर दिया। उस महिला को सती कहा गया। इस घटना के बाद से ही ग्राम तेलीनसत्ती के लोगों ने होलिका दहन नहीं किया है।
बताया जाता है कि भानुमति तेली जाति की थी और ग्राम में सती हुई। इसके चलते उसी दिन से ग्राम का नाम तेलीनसत्ती पड़ा। तेलीनसत्ती मंदिर में ग्रामीण सुबह और शाम पूजा-अर्चना करते हैं। यहां पर महिलाओं का आना प्रतिबंधित है। ग्रामीण बताते है कि भानुमति बिना शादी हुए सती हुई थी. इसके चलते शादीशुदा महिलाओं के मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है।