कुरूद में धूमधाम के साथ निकली भगवान श्री जगन्नाथ रथयात्रा ,उमड़ी आस्था

कुरूद @ मुकेश कश्यप। शुक्रवार को कुरूद नगर में विधिवत भगवान श्री जगन्नाथ रथयात्रा निकाली गई।परंपरानुसार तीन स्थानों से निकलने वाली इस यात्रा को लेकर नगर वासियों में सुबह से ही उल्लास नजर आ रहा था। हर कोई स्वामी श्री जगन्नाथ स्वामी के दर्शन को आतुर रहे।ठीक दोपहर में निकाली गई इस रथ यात्रा में भगवान बलभद्र ,सुभद्रा और श्री बलराम जी विराजे ,जिन्हे आगे बढ़ाने के लिए लोगों में उत्साह बना रहा।यह रथयात्रा नगर के मुख्य मार्गो से निकाली गई और भक्तिमय इस माहौल में लोगों ने गजामुंग रूपी प्रसाद ग्रहण कर परिवार और जनकल्याण की कामना की।
मान्यता है कि हर साल आषाढ़ शुक्ल द्वितीया तिथि को देशभर में यह पर्व बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।इस यात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा रथों पर सवार होकर नगर के भ्रमण पर निकलते हैं।इस स्थान का धार्मिक महत्व जगन्नाथ का मंदिर है शास्त्रों और पुराणों में भी रथ-यात्रा की महत्ता को स्वीकार किया गया है। जो व्यक्ति श्री जगन्नाथ जी का दर्शन करते हुए, प्रणाम करते हुए मार्ग के धूल-कीचड़ आदि में लोट-लोट कर जाते हैं वे सीधे भगवान श्री विष्णु के उत्तम धाम को जाते हैं। जो व्यक्ति गुंडिचा मंडप में रथ पर विराजमान श्री कृष्ण, बलराम और सुभद्रा देवी के दर्शन दक्षिण दिशा को आते हुए करते हैं वे मोक्ष को प्राप्त होते हैं। रथयात्रा एक ऐसा पर्व है जिसमें भगवान जगन्नाथ चलकर जनता के बीच आते हैं और उनके सुख दुख में सहभागी होते हैं।
ऐसा माना जाता है कि रथयात्रा में भाग लेकर, विशेष रूप से रथों को खींचकर, भक्त अपने पापों का प्रायश्चित कर सकते हैं और आध्यात्मिक योग्यता प्राप्त कर सकते हैं। दुनिया भर में लाखों लोग इस त्योहार से प्रभावित हैं, जो सद्भाव, भक्ति और आध्यात्मिक विकास की भावना का प्रतीक है। पवित्र रथों की रस्सियों को पकड़कर भक्त उत्सुकता से जगन्नाथ रथ यात्रा में भाग लेने का इंतजार करते हैं। यह कार्य अत्यंत शुभ, महान आध्यात्मिक योग्यता और आशीर्वाद प्रदान करने वाला माना जाता है।

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