
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सोच और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के सुशासन में संचालित प्रधानमंत्री सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना आज आम नागरिकों के जीवन में व्यापक सकारात्मक परिवर्तन ला रही है। यह योजना न केवल घरेलू बिजली संकट का समाधान बन रही है, बल्कि आर्थिक राहत और स्वच्छ ऊर्जा के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी मील का पत्थर साबित हो रही है।
बीते वर्षों में बिजली बिलों की बढ़ती लागत और गर्मियों में अघोषित बिजली की आंख-मिचौली जैसी समस्याओं से आमजन परेशान थे। ऐसे में यह योजना लोगों के लिए आशा की एक किरण बनकर आई है। प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना के अंतर्गत आम नागरिक अब अपने घर की छतों पर सौर पैनल लगाकर प्रतिमाह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली उत्पन्न कर रहे हैं, जिससे न केवल उनका मासिक खर्च कम हुआ है, बल्कि ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का रास्ता भी खुला है।
योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार द्वारा 30 हजार से 78 हजार रुपये तक की सब्सिडी दी जा रही है। साथ ही, कम ब्याज दर पर ऋण की सुविधा से अब मध्यमवर्गीय और निम्न आय वर्ग के लोग भी सौर ऊर्जा की ओर तेजी से अग्रसर हो रहे हैं। यह योजना हर उस नागरिक तक पहुंच रही है जो बिजली के भारी बिल और बार-बार की कटौती से परेशान था।
कोरबा जिले के छुरी गांव निवासी श्री अशोक अग्रवाल इस योजना के सफल लाभार्थियों में से एक हैं। उन्होंने बताया कि योजना की जानकारी मिलने के बाद उन्होंने तुरंत अपने घर की छत पर 3 किलोवाट क्षमता वाला सोलर पैनल स्थापित कराया। महज 3 से 4 दिनों में यह सिस्टम तैयार होकर बिजली उत्पादन शुरू कर चुका है।
उन्हें शासन की ओर से 78,000 रुपये की सब्सिडी प्राप्त हुई, जिससे सिस्टम की लागत बहुत कम हो गई। श्री अग्रवाल के घर के बगल में ही उनका राइस मिल भी है, जिससे पहले बिजली की खपत अधिक और बिल काफी भारी आता था। लेकिन अब सोलर सिस्टम लगने के बाद से उनका बिजली बिल शून्य हो गया है, और बिजली की निर्बाध आपूर्ति भी सुनिश्चित हो गई है।
श्री अग्रवाल ने बताया, “पहले गर्मियों में जरा सी बारिश या बिजली चमकने पर सप्लाई कट जाती थी। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। पूरे मौसम भर बिजली मिलती रही, जिससे परिवार को काफी राहत मिली।” उन्होंने कहा कि कोरबा जैसे औद्योगिक जिले में जहां बिजली की मांग अधिक रहती है, वहां यह योजना गर्मी के मौसम में रामबाण सिद्ध हो रही है।