52,560 किसानों को 594.19 करोड़ रुपये का भुगतान सीधे बैंक खातों में
धमतरी…. खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में धमतरी जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की प्रक्रिया सुव्यवस्थित, पारदर्शी एवं किसान हितैषी रूप से संचालित की जा रही है। जिले की 74 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों एवं आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों के अंतर्गत कुल 100 धान उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से अब तक पंजीकृत 1,29,380 किसानों में से 55,735 किसानों से 2,66,155 मे.टन धान की खरीदी की जा चुकी है।
अब तक खरीदी गई धान का कुल मूल्य 631.18 करोड़ रुपये है, जिसमें से 52,560 किसानों को 594.19 करोड़ रुपये का भुगतान सीधे बैंक खातों में किया जा चुका है। शेष किसानों को भी नियमानुसार निरंतर भुगतान किया जा रहा है, जिससे किसानों में संतोष एवं विश्वास का वातावरण बना हुआ है।
23 दिसंबर 2025 को होने वाली धान खरीदी के लिए 3,207 किसानों को 14,298.04 क्विंटल धान विक्रय हेतु टोकन जारी किए गए हैं, जिससे खरीदी प्रक्रिया सुचारू और व्यवस्थित बनी रहे।
जिले में उपार्जित धान के शीघ्र निराकरण हेतु कस्टम मिलिंग व्यवस्था के अंतर्गत अब तक 159 राइस मिलों का पंजीयन किया गया है। पंजीकृत राइस मिलरों द्वारा अनुबंध के पश्चात 89,856.40 मे.टन धान उठाव के लिए डिलीवरी ऑर्डर (डी.ओ.) जारी किए गए हैं, जिसके विरुद्ध 43,258.80 मे.टन धान का उठाव किया जा चुका है। वर्तमान में उपार्जन केन्द्रों में 2,22,896.20 मे.टन धान उठाव हेतु शेष है, जिसका निराकरण प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है।
समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के दौरान कोचियों एवं बिचौलियों द्वारा अवैध भंडारण अथवा परिवहन की संभावनाओं को रोकने हेतु जिला प्रशासन द्वारा सख़्त निगरानी व्यवस्था लागू की गई है। प्रत्येक विकासखंड में राजस्व, कृषि, खाद्य, सहकारिता एवं कृषि उपज मंडी विभाग के अधिकारियों को शामिल करते हुए ब्लॉक एवं जिला स्तरीय उड़नदस्ता दलों का गठन किया गया है।
इन उड़नदस्ता दलों द्वारा 22 दिसंबर 2025 तक मंडी अधिनियम 1972 के तहत लगातार कार्यवाही करते हुए 112 प्रकरण दर्ज किए गए हैं तथा 4,619.5 क्विंटल अवैध धान जप्त किया गया है। यह कार्यवाही शासन की जीरो टॉलरेंस नीति और किसानों के हितों की रक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
जिला प्रशासन के सतत् प्रयासों से धमतरी जिले में धान खरीदी, भुगतान एवं परिवहन की संपूर्ण व्यवस्था पारदर्शी, सुरक्षित और किसान हित में संचालित हो रही है, जिससे जिले के अन्नदाताओं को आर्थिक संबल के साथ-साथ शासन पर भरोसा भी मजबूत हो रहा है।




