मनरेगा का नाम बदलने पर कांग्रेस ने गाँधी मैदान में किया विरोध प्रदर्शन

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धमतरी….   महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का नाम बदले जाने पर कांग्रेस की ओर से  आक्रोश देखने को मिला। धमतरी के गाँधी मैदान में दोपहर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने इस मुद्दे पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
धरना देकर कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर तानाशाही और जनविरोधी सोच अपनाने का आरोप लगाया। धरने के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए मनरेगा के नाम से छेड़छाड़ का विरोध किया।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मनरेगा केवल एक सरकारी योजना नहीं है, बल्कि यह देश के करोड़ों गरीब, मजदूर और श्रमिक परिवारों के लिए

रोज़गार और सम्मान की गारंटी है। जिला अध्यक्ष तारिणी चंद्राकर ने कहा कि मनरेगा का नाम महात्मा गांधी से जुड़ा है, जिन्होंने सत्य, अहिंसा और श्रम की गरिमा का संदेश दिया। इस योजना के नाम को बदलने का प्रयास केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं, बल्कि गांधी के विचारों और उनके योगदान का अपमान है।
 उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार योजनाओं के नाम बदलकर इतिहास और जनभावनाओं से खिलवाड़ कर रही है। धरने को संबोधित करते हुए विधायक ओंकार साहू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी गरीबों और मजदूरों के अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा सड़क से सदन तक संघर्ष करती रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मनरेगा के नाम या स्वरूप से छेड़छाड़ की गई, तो कांग्रेस की आंदोलन और मुखर होगी करेगी।
पूर्व विधायक गुरमुख सिंह होरा, लक्ष्मी ध्रुव, लेखराम साहू, हर्षद मेहता ने कहा कि सरकार को समझना चाहिए कि मनरेगा गांवों की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इससे लाखों परिवारों का जीवन जुड़ा हुआ है। शरद लोहाना, मोहन लालवानी, विपिन साहू ने कहा की योजनाओं के नाम बदलने से न तो ज़मीनी समस्याएं हल होंगी और न ही रोजगार बढ़ेगा। उनका आरोप है कि सरकार असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए प्रतीकों की राजनीति कर रही है। पार्टी ने स्पष्ट किया कि

मनरेगा के नाम और उसके मूल उद्देश्य से किसी भी तरह की छेड़छाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
 आनंद पवार, कविता बाबर, प्रभातराव मेघावाले एवं अन्य वक्ताओ ने कहा की कि ”यूपीए की सरकार में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी के नेतृत्व में गरीब जनता को 100 दिन का रोजगार देने के उद्देश्य से महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत 2006 में कांग्रेस शासनकाल में की गई थी. इसका लक्ष्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना और ग्रामीण जनता को नकद राशि प्रदान करना था परंतु भाजपा ने योजना बंद कर दूसरा नाम दिया है जो गलत है. कार्यक्रम का संचालन ब्लॉक अध्यक्ष आकाश गोलछा ने किया.

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