Rss Chief Mohan Bhagwat Releases Book Connecting With The Mahabharata In Delhi – संघ प्रमुख मोहन भागवत बोले: हम प्राचीन गौरव लौटाने की ओर, हमारे गौरवशाली इतिहास को मिटाने के लिए हुए कई प्रयास

ख़बर सुनें

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भविष्य में बेहतर दुनिया के लिए हिंदुत्व की विचारधारा को अनिवार्य बताया है। नीरा मिश्रा और राजेश लाल की पुस्तक ‘कनेक्टिंग विद द महाभारत- हिस्ट्री, जियोग्राफी, आर्कियोलॉजी, कल्चर, आर्ट’ का विमोचन करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया में बस हिंदुत्व ही है जो कर्तव्य और अधिकार के बीच संतुलन की बात करता है।

संघ प्रमुख ने कहा कि इस देश के गौरवशाली इतिहास को मिटाने के लिए अनेक प्रयत्न किए गए। हमें बताया गया कि हमारे ग्रंथों में सब कुछ गलत लिखा है। हमारी विरासत में धन गौरव और रण गौरव है ही नहीं। इनका इतिहास महज चार से पांच हजार साल पुराना है, जबकि हमारा इतिहास आठ हजार साल के महाभारत और रामायण युग से भी पुराना है। हमारी गलती यह है कि हमने हमें ही मूर्ख बताने वाले इतिहास को स्वीकार कर लिया। अब परिस्थितियां बदल रही हैं। दूसरी विचारधारा वाले भी अब भारत के गौरवशाली अतीत को मान्यता दे रहे हैं।

हिंदुत्व में कर्तव्य-अधिकार के बीच संतुलन
संघ प्रमुख ने कहा कि दुनिया में बस हिंदुत्व ही है, जहां कर्तव्य और अधिकार के बीच संतुलन की बात कही गई है। यहां निर्माण के साथ आचार-विचार का संतुलन है। जिस पर्यावरण की रक्षा के लिए दुनिया चिंतित है, उसकी रक्षा हमारे व्यवहार में है। महाभारत युद्ध का इतिहास नहीं है, बल्कि महाभारत में युद्ध है। ग्रंथ के माध्यम से इसे इसलिए बताया गया है कि भविष्य में संहार न हो। भविष्य में बेहतर दुनिया का निर्माण हो सके।

हमारा इतिहास हजारों साल पुराना
भागवत ने अंग्रेजों पर गलत इतिहास प्रस्तुत कर भारत के गौरवशाली अतीत को मिटाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि उनका इतिहास बस चार हजार साल पुराना है। हमारा इतिहास इससे भी पुराना है। आठ हजार साल पहले महाभारत और रामायण की रचना हुई। श्रुति परंपरा के माध्यम से यह जनमानस में बनी रही। महाभारत की रचना करने वाले मुनि वेदव्यास को हस्तिनापुर या इंद्रप्रस्थ की सत्ता का मोह नहीं था। इसलिए उनके इतिहास लेखन पर संदेह का सवाल ही नहीं है। वैसे भी तथ्य के बिना कोई भी कल्पना लंबे समय तक अस्तित्व में नहीं रह सकती।

प्राचीन गौरव लौटाने की ओर बढ़ रहे हम
संघ प्रमुख ने कहा कि हम प्राचीन गौरव लौटाने की ओर बढ़ रहे हैं। महज पुस्तक को इतिहास कहना गलत है। असली इतिहास नदियां, पर्वत, ग्रंथ और महापुरुष होते हैं। प्राचीन गौरव के लिए हमें अपना स्व ढूंढना होगा। हम चीन या अमेरिका की नकल कर प्राचीन गौरव हासिल नहीं कर सकते। कोई भी देश अपने मूल चरित्र और मूल इतिहास के आधार पर ही खोया गौरव हासिल कर सकता है।

विस्तार

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भविष्य में बेहतर दुनिया के लिए हिंदुत्व की विचारधारा को अनिवार्य बताया है। नीरा मिश्रा और राजेश लाल की पुस्तक ‘कनेक्टिंग विद द महाभारत- हिस्ट्री, जियोग्राफी, आर्कियोलॉजी, कल्चर, आर्ट’ का विमोचन करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया में बस हिंदुत्व ही है जो कर्तव्य और अधिकार के बीच संतुलन की बात करता है।

Source link

Leave a Comment

Notifications