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इस साल कुल 13, 23, 256 चालान में से एक तिहाई से भी अधिक गलत पार्किंग के रहे हैं। आंकड़ों पर विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में ट्रैफिक प्रबंधन को और बेहतर करने के लिए जरूरी है कि वाहनों की पार्किंग तयशुदा जगहों पर ही करें। तहजीब से ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगी और आवागमन सुलभ होगी।
इससे गंतव्य तक पहुंचने में देरी और जाम की समस्या से भी नहीं जूझना होगा। वर्ष 2021 में किए गए चालान के मद में 9.79 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की ओर से जारी दिल्ली रोड क्रैश रिपोर्ट-2021 के मुताबिक साल भर के दौरान ट्रैफिक नियमों में अनदेखी के अलग अलग मामलों में मौके पर कुल 13 लाख, 23 हजार, 256 चालान किए गए। इनमें 1,78,634 कंपाउंडेड, जबकि 11,44,922 कोर्ट के थे।
ट्रैफिक नियमों की अनदेखी से ना केवल सड़कों पर चलना महफूज नहीं है बल्कि पर्यावरण और सड़कों के लिहाज से भी नुकसानदायक हैं। हैरानी की बात यह है कि गलत पार्किंग से कई और वाहनों को चलने में आने वाली दिक्कतों से बेफिक्र वाहन चालकों की सर्वाधिक
संख्या रही। जानकारों का मानना है कि वाहनों की पार्किंग गलत तरीके से किए जाने से कई वाहनों के लिए परेशानी बढ़ जाती है। कई बार इस कारण वाहनों के टक्कर से भी लोगों को नुकसान का सामना करना पड़ता है।
एक लाख से अधिक वाहनों की नहीं हुई प्रदूषण जांच, किया चालान
इनमें वन वे की अनदेखी पर 123796, नियंत्रित प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र (पीयूसीसी) के बगैर चलने वाले 1,04369 वाहनों के चालान किए गए। सड़कों पर चलने के लिए सुरक्षा के लिहाज से जरूरी हेलमेट ना लगाने पर 91 हजार, 36 जबकि सीट बेल्ट ना लगाने पर 62190 वाहन मालिकों पर ट्रैफिक पुलिस ने र्कावाई की।
ड्राइविंग के दौरान की बात, एक साल 26 हजार चालकों का चालान
ड्राइविंग के दौरान मोबाइल पर बातचीत ना करने की हिदायत के बावजूद हर महीने औसतन 2100 से अधिक चालकों ने नियमों की अनदेखी की। साल भर में ड्राइविंग के दौरान
मोबाइल का इस्तेमाल करने पर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने 26 हजार 126 वाहन चालकों का चालान किया। इस दौरान धूम्रपान करने वालों पर भी सख्ती करते हुए 2759 वाहन चालकों का चालान किया गया।
सामान ढोने वाले ले जा रहे थे जानवर, तीन चालान
बगैर लाइसेंस वाहन चलाने पर 28992 चालान किए गए। साल भर में वाहनों पर लटककर चलने वालों की संख्या में आई कमी से इसके केवल तीन चालान ही किए गए। सामान
ढोने वाले वाहनों में जानवरों को ले जाने वाले 22 वाहनों का चालान किया गया।
35 फीसदी के पास हैं साइकिल, सुविधाएं ना होने से इस्तेमाल महज 4.5 फीसदी
दिल्ली की कुल आबादी के 35 फीसदी के पास साइकिल हैं। बावजूद इसके सड़कों पर साइकिल ट्रैक की सुविधा ना होने के कारण यात्रियों को दूसरे वाहनों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। हैरानी की बात यह है कि इनमें से महज 4.5 फीसदी लोग ही साइकिल का इस्तेमाल करते हैं। साइकिल चालकों की सुरक्षा के लिए सड़कों पर अगल साइकिल ट्रैक की सुविधा और सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन किए बगैर इसका उपयोग करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी संभव नहीं है।
विस्तार
दिल्ली की सड़कों पर वाहनों के जाम से होने वाली परेशानियां कम नहीं हो रही हैं। तयशुदा जगहों पर वाहनों की पार्किंग ना करने से रोजाना हजारों वाहन चालकों की दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। वाहनों की बेतरतीब पार्किंग से दिक्कतें लगातार बढ़ रही हैं। 2021 में गलत पार्किंग के सर्वाधिक चालान किए गए। नियमों की अनदेखी पर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने साल भर में 4,63,732 वाहनों का चालान किया।
इस साल कुल 13, 23, 256 चालान में से एक तिहाई से भी अधिक गलत पार्किंग के रहे हैं। आंकड़ों पर विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में ट्रैफिक प्रबंधन को और बेहतर करने के लिए जरूरी है कि वाहनों की पार्किंग तयशुदा जगहों पर ही करें। तहजीब से ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगी और आवागमन सुलभ होगी।
इससे गंतव्य तक पहुंचने में देरी और जाम की समस्या से भी नहीं जूझना होगा। वर्ष 2021 में किए गए चालान के मद में 9.79 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुई। दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की ओर से जारी दिल्ली रोड क्रैश रिपोर्ट-2021 के मुताबिक साल भर के दौरान ट्रैफिक नियमों में अनदेखी के अलग अलग मामलों में मौके पर कुल 13 लाख, 23 हजार, 256 चालान किए गए। इनमें 1,78,634 कंपाउंडेड, जबकि 11,44,922 कोर्ट के थे।
ट्रैफिक नियमों की अनदेखी से ना केवल सड़कों पर चलना महफूज नहीं है बल्कि पर्यावरण और सड़कों के लिहाज से भी नुकसानदायक हैं। हैरानी की बात यह है कि गलत पार्किंग से कई और वाहनों को चलने में आने वाली दिक्कतों से बेफिक्र वाहन चालकों की सर्वाधिक
संख्या रही। जानकारों का मानना है कि वाहनों की पार्किंग गलत तरीके से किए जाने से कई वाहनों के लिए परेशानी बढ़ जाती है। कई बार इस कारण वाहनों के टक्कर से भी लोगों को नुकसान का सामना करना पड़ता है।
एक लाख से अधिक वाहनों की नहीं हुई प्रदूषण जांच, किया चालान
इनमें वन वे की अनदेखी पर 123796, नियंत्रित प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र (पीयूसीसी) के बगैर चलने वाले 1,04369 वाहनों के चालान किए गए। सड़कों पर चलने के लिए सुरक्षा के लिहाज से जरूरी हेलमेट ना लगाने पर 91 हजार, 36 जबकि सीट बेल्ट ना लगाने पर 62190 वाहन मालिकों पर ट्रैफिक पुलिस ने र्कावाई की।
ड्राइविंग के दौरान की बात, एक साल 26 हजार चालकों का चालान
ड्राइविंग के दौरान मोबाइल पर बातचीत ना करने की हिदायत के बावजूद हर महीने औसतन 2100 से अधिक चालकों ने नियमों की अनदेखी की। साल भर में ड्राइविंग के दौरान
मोबाइल का इस्तेमाल करने पर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने 26 हजार 126 वाहन चालकों का चालान किया। इस दौरान धूम्रपान करने वालों पर भी सख्ती करते हुए 2759 वाहन चालकों का चालान किया गया।
सामान ढोने वाले ले जा रहे थे जानवर, तीन चालान
बगैर लाइसेंस वाहन चलाने पर 28992 चालान किए गए। साल भर में वाहनों पर लटककर चलने वालों की संख्या में आई कमी से इसके केवल तीन चालान ही किए गए। सामान
ढोने वाले वाहनों में जानवरों को ले जाने वाले 22 वाहनों का चालान किया गया।
35 फीसदी के पास हैं साइकिल, सुविधाएं ना होने से इस्तेमाल महज 4.5 फीसदी
दिल्ली की कुल आबादी के 35 फीसदी के पास साइकिल हैं। बावजूद इसके सड़कों पर साइकिल ट्रैक की सुविधा ना होने के कारण यात्रियों को दूसरे वाहनों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। हैरानी की बात यह है कि इनमें से महज 4.5 फीसदी लोग ही साइकिल का इस्तेमाल करते हैं। साइकिल चालकों की सुरक्षा के लिए सड़कों पर अगल साइकिल ट्रैक की सुविधा और सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन किए बगैर इसका उपयोग करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी संभव नहीं है।