आजीविका मिशन के तहत 56 लाख महिलाओं को आर्थिक गतिविधियों से जोड़ने का संकल्प
रायपुर। केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि गांवों में बनाए गए गौठानों को आर्थिक समृद्धि केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने आज नवा रायपुर अटल नगर के सर्किट हाउस में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों के बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की महिलाओं की आर्थिक समृद्धि के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत दीदियों को लखपति बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार किए जाएंगे। उन्होंने अमृत सरोवरों के व्यवस्थित विकास पर भी जोर दिया। बैठक में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, विधायक ईश्वर साहू और सुशांत शुक्ला विशेष रूप से उपस्थित थे।
केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने समीक्षा बैठक में कहा कि देश की आर्थिक उन्नति में महिलाओं की भागीदारी 56 प्रतिशत है, जबकि छत्तीसगढ़ में 50 प्रतिशत है, इसे बढ़ाने की आवश्यकता है। इसके लिए महिलाओं को कृषि में भागीदारी बढ़ाने के साथ ही राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत छोटे-छोटे उद्यम स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए, बैंकों के माध्यम से महिलाओं के नये उद्यम स्थापित किए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया। श्री सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बिहान की दीदियों को लखपति बनाने का संकल्प लिया है। बिहान योजना के तहत 56 लाख दीदियों को लखपति बनाना हमारा संकल्प है। इसके अनुरूप पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी कार्य करें।
केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बताया कि नाबार्ड द्वारा राज्य में मॉडल गौठान बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसके अंतर्गत राज्य के 4 जिलों में एक-एक गौठानों को मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए नाबार्ड द्वारा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन को 25 लाख रूपए की राशि दी जाएगी। इन मॉडल गौठानों में मुर्गी पालन, बकरी पालन, सूअर पालन के साथ ही उन्नत नस्ल के गौवंशीय पशु पाले जाएंगे। कड़कनाथ जैसे देशी मुर्गियों की प्रजाति के हाइब्रिड नस्ल तैयार किए जाएंगे।
आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में ग्रामीण क्षेत्र में बनाए जा रहे अमृत सरोवरों को व्यवस्थित रूप से विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अमृत सरोवरों के आसपास वृक्षारोपण, पाथ-वे सहित सौंदर्यीकरण के कार्य किए जाए। इन कार्याें को पूर्ण करने के लिए मनरेगा की राशि का उपयोग किया जाए।
इस मौके पर बैठक में प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास निहारिका बारिक, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण विकास के सीईओ भीम सिंह, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की संचालक पद्मिनी भोई, संचालक पंचायत रोक्तिमा यादव, नाबार्ड और एसबीआई के डीजीएम सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।