धमतरी। उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत जिले के वनांचल नगरी विकासखंड के प्राथमिक शाला मसानडबरा में मोर उल्लास केंद्र का शुभारंभ किया गया। साथ ही ग्राम प्रभारी सरोज नेताम द्वारा दो स्वयंसेवी शिक्षकों के माध्यम से 20 असाक्षरों को साक्षरता कार्यक्रम में जोड़ क़र 200 घंटे पढ़ाने के बाद महापरीक्षा में शामिल क़र साक्षर बनाने की शपथ ली। इस मौके पर सुश्री सरोज नेताम को जिले का ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया, जो कि स्वयं भी कमार जनजाति की हैं और अपने ग्राम को शिक्षित करने का संकल्प लिया है.
जिला परियोजना अधिकारी खेमेन्द्र कुमार साहू ने कहा की शिक्षा समाज में पाए जाने वाले दो वर्ग शिक्षित और अशिक्षित के बीच भेदभाव को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षित व्यक्ति पूर्ण विश्वास और आत्मसम्मान के साथ समाज में अपनी प्रस्थिति और भूमिका निर्मित करने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं शिक्षा से समाज में सकारात्मक परिवर्तन होना संभव है साक्षरता कार्यक्रम के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु मिशन मोड में कार्य करने तथा शत प्रतिशत साक्षरता का लक्ष्य को प्राप्त करने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश सभी ग्राम प्रभारी को दिए जा रहे है। रिसोर्स पर्सन प्रीति शांडिल ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार प्रौढ़ शिक्षा अब सभी के लिए शिक्षा के नाम से जाना जाएगा। पढ़िए कहीं भी कभी भी की थीम पर कार्य किया जाना है इस कार्यक्रम में दिव्यांगजन तथा महिलाओं को प्राथमिकता दी जानी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार प्रौढ़ शिक्षा अब सभी के लिए शिक्षा के नाम से जाना जाएगा उल्लास मोबाइल ऐप पर शिक्षार्थियों व स्वयं से भी शिक्षकों का सर्वे कर डाटा एंट्री किया जाना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की अनुशंसा अनुसार नवभारत साक्षरता कार्यक्रम को भारत सरकार द्वारा स्वीकृति दी गई है। इस कार्यक्रम के पांच प्रमुख घटक हैं बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान, जीवन कुशल, वित्तीय डिजिटल कानूनी मतदान, साक्षरता इत्यादि व्यावसायिक कौशल विकास बुनियादी शिक्षा समतुल्यता कार्यक्रम और सतत शिक्षा। यह कार्यक्रम 15 वर्ष से अधिक आयु समूह के लोगों के लिए है और यह कार्यक्रम 2027 तक संचालित किया जाना है। शिक्षा साक्षरता मिशन प्राधिकरण की कार्यकारिणी के पदेन अध्यक्ष कलेक्टर होंगे। उल्लास केंद्र के लिए स्कूल भवन का उपयोग किया जाएगा, उल्लास मोबाइल ऐप पर शिक्षार्थियों एवं स्वयंसेवी शिक्षकों का सर्वे किया जा रहा है, साथ ही उल्लास हेतु जिले में वातावरण निर्माण सतत रूप से किया जा रहा है। आज से 8 सितंबर तक साक्षरता सप्ताह का आयोजन किया जाना सुनिश्चित किया गया है। इस कार्यक्रम हेतु स्वयं सेवी शिक्षकों को प्रशिक्षित किए जाने की योजना है
जिला शिक्षा अधिकारी तेजराम जगदल्ले ने शिक्षा विभाग के साथ सामुदायिक सहभागिता लेते हुए लक्ष्य की प्राप्ति हेतु सत्य निष्ठा पूर्वक कार्य करने हेतु मार्गदर्शन दिया शिक्षा केवल नौकरी पाने के लिए नहीं जीवन जीने के लिए भी जरूरी है। जिला कलेक्टर नम्रता गांधी ने अपने उद्बोधन में कहा उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 2 लाख असाक्षरों को साक्षर किया जाएगा तथा 15 वर्ष से अधिक असाक्षर को सम्मानजनक जीवन जीने व आत्मनिर्भर बनाने के लिए उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के साथ-साथ महत्वपूर्ण जीवन कौशल जिसके अंतर्गत डिजिटल वित्तीय कानूनी मतदान एवं पर्यावरण आदि से संबंधित भी जानकारी प्रदान की जानी है उसमें व्यावसायिक कौशल का विकास भी करना है उन्हें बुनियादी शिक्षा देने के साथ-साथ सतत शिक्षा के कार्यक्रम में बनाए रखना है प्रयास रहेगा की देश का जन-जन बने साक्षर अशिक्षित को शिक्षा दो और अज्ञानी को ज्ञान क्योंकि शिक्षा से ही बन सकता है भारत देश महान।