समृद्ध संस्कृति की धरोहर संजोए राजनांदगांव

राज्य के प्रथम अन्तर्राष्ट्रीय एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम के रूप में छत्तीसगढ़ राज्य एवं राजनांदगांव को खेल मानचित्र पर एक नई पहचान मिली है। लगभग 22 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित भव्य अन्तर्राष्ट्रीय एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम में हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन होता आ रहा है। लगभग साढ़े नौ एकड़ के रकबे में निर्मित यह विशाल स्टेडियम हॉकी के खिलाडिय़ों को समर्पित है। हॉकी की नर्सरी के रूप में जिले की पहचान है। यहां के हॉकी खिलाड़़ी अपनी बेहतरीन खेल प्रतिभा का प्रदर्शन करते रहे हैं। शहर के मध्य में लगभग 20 एकड़ से भी अधिक क्षेत्र में फैले दिग्विजय स्टेडियम में क्रिकेट मैदान है एवं बास्केटबाल का अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट है। देश भर में बास्केटबाल के 8 कोर्ट में से एक केवल राजनांदगांव शहर में है। यहां बैडमिंटन के 3 इंडोर कोर्ट, 3 टेबल टेनिस, वेटलिफ्ंिटग ट्रेनिंग सेंटर, एथलेटिक्स 400 मीटर ट्रैक, मल्टीपर्पज जिम, भारतीय खेल प्राधिकरण साई का हॉकी तथा बास्केटबाल के लिए हॉस्टल है।

देश के तीन महान साहित्यकारों श्री गजानन माधव मुक्तिबोध, डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, डॉ. बल्देव प्रसाद मिश्र के साहित्य, कृतियों, विचारों एवं जीवन को समझने के लिए हिन्दी साहित्य के विद्यार्थियों के लिए मुक्तिबोध संग्रहालय दर्शनीय है। देश के तीन महान साहित्यकारों श्री गजानन माधव मुक्तिबोध कक्ष, डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी, डॉ. बल्देव प्रसाद मिश्र की कृतियां, पाण्डुलिपि एवं वस्तुएं सुरक्षित रखी गई हैं। उनकी रचनाएं यहां संकलित की गई है। उनके डायरी के अंश तथा उनके जीवन के प्रेरक प्रसंग की जानकारी यहां अंकित है। अन्य जिलों एवं विभिन्न स्थानों से शोधार्थी एवं विद्यार्थी यहां उनकी स्मृतियों से जुड़ी वस्तुएं एवं कृतियां संग्रहालय में देखना समझना चाहते है। राजनांदगांव में उनकी अविस्मरणीय यादों को संजोए यह शहर हिन्दी साहित्य प्रेमियों के लिए त्रयी की यह कर्मभूमि का गौरवपूर्ण स्थान है।

राजनांदगांव जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ठाकुर प्यारे लाल सिंह, कुंज बिहारी चौबे, नाचा व रंगकर्म के प्रमुख कलाकार पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर, फिदाबाई मरकाम, गायन एवं अभिनय के प्रसिद्ध कलाकार भैय्यालाल हेड़ऊ, चंदैनी गोंदा के कलाकार खुमान साव, फिल्म निर्देशक किशोर साहू, लोक कलाकार बरसाती भैय्या, सुप्रसिद्ध गायिका कविता वासनिक, कवि एवं उपन्यासकार विनोद कुमार शुक्ल, पद्मश्री फूलबासन बाई जैसे ख्याति प्राप्त साहित्यकारों, कलाकारों, समाजसेवी एवं प्रबुद्धजनों से जिले की विशेष पहचान है।

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