गाजर मूली की तरह काटे जा रहे लोग फिर भी आल इज वेल…सुशासन या दुशासन

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धमतरी @ विश्वनाथ गुप्ता। धमतरी में चाकू बाजी या फिल्म का दृश्य एक ही बात है ऐसा कोई सा महीना नही गुजरता जब चाकू बाजी हत्या की खबर अखबारों और न्यूज चैनल की सुर्खियां नही बन रही फिर भी धमतरी पुलिस का कहना है आल इज वेल,,सब काबू में है घटनाएं कम हो रही है लेकिन नजारा कुछ और है यहां का हाल।

ग्रीन धमतरी खुशहाल धमतरी की जगह खूनी धमतरी ने ले लिया है जहां लोग अपने और अपनो के लिए चिंतित नजर आते है ऐसा कोई दिन नही गुजरता जब लोग इस बात को लेकर चैन की नींद ले की हमारे अपनो के साथ कोई दुखद घटना न घट जाए, क्योंकि आज कल धमतरी की फिज़ा छोटी छोटी बातों पर बटन ची ने ले लिया है कारण सिर्फ नशा नहीं है परिवार के लोगो का बिगड़ैल बच्चो को सर पर नाचना और स्कूलों में शिक्षक द्वारा पिटाई कार्यक्रम का रुकना है अगर गलती में गुरु सजा देना ही गलत हो गया है तो बच्चो को बुरी आदतों से कौन उबारेगा ,,इस पर माता पिता को गंभीर हो कर सोचना पड़ेगा क्योंकि बच्चा आपका है ।

दूसरी तरफ दुनिया भर के आयोग ने अपराधियों को सर पर चढ़ा रखा है क्योंकि बिना पुलिस के हाथ खोले कोई अपराधी सुधर नहीं सकता जिसे ये मालूम हो थाने जा कर कोई उसे हाथ तक नहीं लगायेगा सब औपचारिकता निभायेंगे और नाबालिक अपराधी हुआ तो पूरा थाना राजमहल नजर आएगा ऐसे परिवेष में एक अपराधी में कैसे सुधार आएगा । ये नई पीढ़ी नए नए नशे के शौकीन है ,, शराब कुछ भी नही गोली ,गंजा,सुलोचन, बाम,और न जाने कितने प्रकार के सूखे, गीले नशे के आदि ये पीढ़ी कैसे बातो से और प्रेम से सुधर पाएंगे ।

शासन प्रशासन सहित कानून व्यवस्था को दुरुस्त नहीं बदलने की जरूरत है क्योंकि किसी की जान इतनी सस्ती भी नही होना चाहिए की अपराधी उसे मजाक समझने लगे । अभी बड़े सैलिब्रिटी सैफ अली खान के ऊपर हमला हुआ तो पूरा सामाजिक तंत्र,,प्रशासनिक तंत्र ,,जनता के रक्षक सभी संवेदना व्यक्त कर रहे बड़े बड़े अल्फाज बोले जा रहे जिससे ये बात फिर साबित होती है की आम इंसान की जान की कीमत सिर्फ कागजी खानापूर्ति है जो गवाह न होने पर बाइज़्जत बरी । नाबालिक हुआ तो राजकुमार और सब पहले जैसा ।
अपराध में कमी की नही अब अपराधियों को कम करने वाला समय है जो की यहां के शासन को अपने सहभागी शासन माननीय मुख्यमंत्री आदित्य नाथ योगी जी के अनुशरण से ही प्राप्त हो सकता है ।

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