धमतरी @ विश्वनाथ गुप्ता। धमतरी पुलिस जिले में हो रहे बेखौफ क्राइम को रोकने के प्रयास में जुटी हुई है। कोशिश ही कामयाबी में बदलती है। कानून ने बहुत से पहलुओं पर कानून के रक्षकों के हाथ बांध रखे है । पहले थानों में अपराधियों के लिए डंडे इंतजार करते रहते थे जो उनके सुधार में काम आते थे लेकिन समय बदला और कई ऐसे कानून के रखवाले के कारण जो अपने निजी लाभ के लिए भी उन डंडों का इस्तेमाल करने लगे,जिसके कारण मानव अधिकार जैसे संस्थाओं को जन्म लेने का मौका मिला ,,जिससे ऐसे लोगो को तो राहत मिली जो बेकसूर थे लेकिन अपराधियों के लिए और पहुंच वालो के लिए ऐसे संस्थान वरदान साबित हुए और आज स्थिति ये है की देश का ऐसा कोई कोना नही बचा जहां अपराधी ऐसे लाचार कानूनों के चलते खुले घूम रहे है।

नशे के बढ़ते प्रभाव ने अब अपराधियों को इन सब का आदि बना दिया है कानून व्यवस्था भी बने बनाए सिस्टम के आगे नसमस्तक है ,, अपराध बढ़ता है और मिडिया बाजी बढ़ती है तो जो कर सकते है करते है ,पेट्रोलिंग कर बदमाशी रोकने का प्रयास भी होता है लेकिन इन सब से जायदा प्रभाव आज के नशा खोर अपराधियों पर होगा ,,लगता नही है, प्राचीन भारतीय कानून व्यवस्था को फिर से दुरुस्त नहीं बदलने की जरूरत है और घिनौने अपराधियों को उम्र कैद नही मौत से भी बत्तर सजा का प्रवधान कानून व्यवस्था में लाना चाहिए।
फिलहाल धमतरी पुलिस की तारीफ करना चाहिए की हर छोटी बातों पर थानों में डेरा जमाने पहुंचने वाले टट पूंजिए नेताओं के बकबक के बाद भी और धमतरी तक सीमित राजनीति करने वालो के दबाव के बाद भी अच्छी कार्रवाई कर रही है।




