रायपुर। जशपुर जिले के किसान अब ग्रीष्मकालीन फसलों की ओर रुख कर खेती से अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर रहे हैं और इससे उनका जीवन स्तर भी बेहतर हो रहा है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ दूरस्थ अंचल में निवासरत किसानों तक पहुंचाया जा रहा है।
इसी क्रम में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (तिलहन) योजना के अंतर्गत जशपुर जिले के बगीचा विकासखण्ड के ग्राम दुर्गापारा निवासी किसान गुरुनारायण को धान की पारंपरिक खेती के स्थान पर ग्रीष्मकालीन मूंगफली की फसल लेने के लिए प्रोत्साहित किया गया। कृषि विभाग द्वारा उन्हें निःशुल्क 20 किलोग्राम मूंगफली बीज प्रदान किया गया।
किसान गुरुनारायण ने बताया कि उनके पास कुल 3.303 हेक्टेयर भूमि है, जिसमें वे पूर्व में खरीफ एवं रबी दोनों ही सीजन में धान की खेती करते थे। उन्होंने बताया कि धान की खेती में पानी की अधिक खपत होती थी और उत्पादन भी संतोषजनक नहीं मिल पाता था, जिससे लागत अधिक और मुनाफा सीमित रह जाता था।
गुरुनारायण ने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी रवि रोशन टोप्पो से संपर्क कर सलाह ली और धान के बजाय मूंगफली की खेती अपनाने का निर्णय लिया। उन्होंने 0.200 हेक्टेयर में मूंगफली की फसल लगाई। विभाग द्वारा उन्हें बीज के साथ-साथ सूक्ष्म पोषक तत्व, खाद, दवाइयां और तकनीकी मार्गदर्शन भी प्रदान किया गया।
किसान ने बताया कि नियमित निगरानी और समय-समय पर प्राप्त सलाह के कारण उनकी फसल बहुत अच्छी स्थिति में है। उन्होंने यह भी कहा कि बाजार में वर्तमान मूंगफली का मूल्य अच्छा होने से इस फसल से उन्हें बेहतर आमदनी की उम्मीद है।
इस पहल से यह स्पष्ट होता है कि योजनाबद्ध प्रयासों, सही मार्गदर्शन और वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों को अपनाकर किसान गर्मी के मौसम में भी खेती से मुनाफा कमा सकते हैं और परंपरागत खेती के दायरे से बाहर निकलकर नवाचार की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।