धमतरी @ विश्वनाथ गुप्ता। छत्तीसगढ़ में अभी नगरीय निकाय चुनावों की घोषणा नही हुई है, लेकिन धमतरी नगर निगम में अभी से राजनीतिक माहौल गरमा गया है, दरअसल सत्ता में बैठे कांग्रेस के महापौर के खिलाफ विपक्ष ने. मोर्चा खोल दिया है। कुर्सी खरीदी के मामले में दस्तावेजी प्रमाण का दावा करते हुए लाखो के भ्र्ष्टाचार का आरोप लगाया है। अब इस मामले में दोनों ही पक्ष जाँच करवाने की चुनौती दे रहे है।
धमतरी नगर निगम में ताजा बवाल कुर्सी को लेकर है, जो दस्तावेज भाजपा ने दिखाए है उसके मुताबिक 2022 से अब तक निगम ने बगीचों में लगने वाले कास्ट आयरन बेच की तीन बार खरीदी की है। महापौर द्वारा 3 बार की अनुशंसा से कुल 340 नग बेंच खरीदा गया और कुल 57 लाख का भुगतान किया गया है। इस लिहाज से एक कुर्सी पौने 17 हज़ार की पड़ रही है। भाजपा का दावा है कि ये बेच बाजार में 5 से 6 हज़ार रुपये के बीच मिल रहे है, लेकिन निगम ने इनके लिए 3 गुना ज्यादा दाम चुकाए है। इतना ही नही बड़ी संख्या में नई कुर्सियों को कबाड़ के बीच खुले में छोड़ दिया गया है। अब भाजपा इस कुर्सी खरीदी मामले की जांच की बात कह रही है।
धमतरी निगम के पूरे इतिहास में पिछले निकाय चुनावों में पहली बार कांग्रेस सत्ता में आई, लेकिन मौजूदा महापौर विजय देवांगन भ्र्ष्टाचार के गंभीर आरोपो में घिरे दिखाई दे रहे है। इन आरोपो पर जब हमने महापौर से बिंदुवार सवाल किए तो उन्होंने स्पष्ट जवाब नही दिया बल्कि आरोपो को राजनैतिक बताया है। लेकिन सफाई देते हुए कहा कि कोई भी खरीदी महापौर नही करता। निगम का प्रशासन करता है महापौर सिर्फ अनुशंसा ही करता है महापौर विजय देवांगन ने भी कुर्सी खरीदी की जांच की चुनौती दे दी है।
आरोपो और दावों की हकीकत तो जांच से ही सामने आएगी। माना जा रहा है कि बमुश्किल 20-25 दिनों में निकाय चुनावों की आचार संहिता लग जानी है… अगर अभी फौरन ही जाँच शुरू कर दी जाए तो भी समय रहते जाँच की रिपोर्ट आ जाए ये जरा मुश्किल है, लेकिन इतना तो तय है कि आने वाले चुनावों में कुर्सी खरीदी का मामला असर जरूर डालेगा।