जिले में साढ़े 11 सौ से अधिक परिवारों के प्रकरण तैयार, हरसंभव मदद भी मिलेगी
90 प्रतिशत अनुदान पर कर सकेंगे व्यवसाय
धमतरी…. धमतरी जिले में जनजाति परिवारों की आय बढ़ाने के लिए मुर्गीपालन, बकरीपालन और सुअर पालन जैसे कामां को बढ़ावा दिया जा रहा है। धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना के तहत पशुपालन से आदिवासी परिवारों की आमदनी बढ़ाने के लिए अब तक एक हजार 165 ऐसे प्रकरण तैयार कर लिए गए हैं।
इस योजना के तहत जिले के 108 गांव चिन्हांकित किये गये हैं, जिनमें वनअधिकार पट्टाधारक आदिवासी परिवारों को पशुपालन से जोड़ने का अभियान चलाया जा रहा है। ऐसे परिवारां को बकरीपालन, मुर्गीपालन, सुअर पालन के साथ-साथ गाय पालन के लिए भी आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जा रही है। परिवारों को व्यवसाय शुरू कराने के लिए 90 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। केवल दस प्रतिशत अंशदान हितग्राही को जमा करना होगा। जिले में अब तक वन अधिकार पट्टाधारक 433 आदिवासी परिवारों के मुर्गीपालन, 492 परिवारां के बकरी पालन और 240 परिवारों के सूकर पालन व्यवसाय के प्रकरण पशुपालन विभाग द्वारा तैयार कर लिए गए हैं।
इन आदिवासी परिवारों को पशुपालन व्यवसाय से जोड़ने के लिए समय-समय पर कार्यशाला और शिविर आयोजित किए गए हैं। इन शिविरों में ग्रामीणों को मुर्गीपालन, बकरीपालन, सूकर पालन से होने वाले फायदों को बताकर प्रोत्साहित किया गया है। ग्रामीणों को इन सभी व्यवसायां के लिए तकनीकी जानकारी भी विशेषज्ञों ने उपलब्ध कराई है। इसके साथ ही इन व्यवसायों के स्थानीय बाजार और खरीददारों तक पहुंच की जानकारी भी ग्रामीणों को दी गई है। प्रशासन की मदद से एक हजार 165 जनजातीय परिवार पशुपालन के तहत मुर्गीपालन, बकरीपालन और सूकर पालन व्यवसाय से जुड़ेंगे। इससे उनकी आमदनी में बढ़ोत्तरी होगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया आयाम मिलेगा।