हमर धमतरी की खास रिपोर्ट – 12 जनवरी 2023 को मेल-मुलाकात कार्यक्रम के दूसरे दिन माननीय मुख्यमंत्री के हाथों सम्मानित हो चुके है कलाकार भानुप्रताप कुंजाम | वे अपने कला को नई ऊंचाई तक ले जाना चाहते हैं मगर आर्थिक तंगी के चलते कहीं न कहीं भानुप्रताप की राह दुर्गम नजर आ रही है अगर शासन प्रशासन से मदद मिल जाए तो राह आसान हो सकती है |
जी हां ! हम बात कर रहे हैं धमतरी जिला मुख्यालय के नगरी ब्लाक के अंतर्गत आने वाले ग्राम मुकुंदपुर निवासी भानुप्रताप कुंजाम की जिसे लोग माइक्रो आर्टिस्ट के नाम से जानते हैं | अब तक सैकड़ों कलाकृतियाँ उकेर चुके 24 वर्षीय कलाकार ने ऐसा क्या बनाया कि मुख्यमंत्री भी उनके कला को निहारते रह गए ? माइक्रो आर्टिस्ट कुंजाम ने पेंसिल की नोक पर 3 एमएम की शिवलिंग उकेरी है जो दुनिया की सबसे छोटी शिवलिंग है जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया जा चुका है और हाल ही में मेल-मुलाकात कार्यक्रम के दौरान सिहावा रेस्ट हाउस पर माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन ने माइक्रो आर्टिस्ट भानुप्रताप कुंजाम को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट एवं मेडल प्रदान किया | इस मौके पर महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया, डॉ. लक्ष्मी ध्रुव विधायक सिहावा विधानसभा क्षेत्र, प्रभारी कलेक्टर जिला धमतरी प्रियंका ऋषि महोबिया के अलावा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे | गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के अधिकृत संवाददाता सोनल राजेश शर्मा ने भानुप्रताप कुंजाम को रिकॉर्ड होल्डर होने की अधिकारीक घोषणा की, भानुप्रताप के साथ सोनल राजेश शर्मा, राजेश शर्मा, सर्व आदिवासी समाज तहसील नगरी अध्यक्ष उमेश देव, शिक्षक भूषण लाल, मित्र ललित गौर मौजूद थे |
बता दें कि भानुप्रताप कुंजाम ने इससे पहले भी कई अद्भुत कलाकृतियां उकेर चुके हैं और पिछले सात सालों से इस कला से जुड़े हुए हैं | उनकी बनायी हुई कलाकृतियों में- पेंसिल की नोक पर छत्तीसगढ़ की 42 जनजातियों के नाम, गणेश जी की प्रतिमा, छत्तीसगढ़ की नक्शा, हसदेव अरण्य को रोते हुए बालक के रूप में दर्शाकर खूब सुर्खियां बटोरी थी, जिसकी प्रशंसा अंतरराष्ट्रीय रंगोली कलाकार प्रमोद साहू ने भी की थी | कुंजाम की कला संग्रह में गांधीजी, लाल बहादुर शास्त्री जी, अंबेडकर जी, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर, दशरथ मांझी, कलाम जैसे कई बड़े हस्तियों के कलाकृतियां मौजूद है | इसके अलावा चाक एवं पेंसिल पर समसामयिक विषय पर निरंतर कलाकारी करते रहते हैं | कलाकारी के अलावा भानुप्रताप कुंजाम लेखन में भी अपनी एक अलग पहचान रखते हैं | उनकी कविता, लघुकथा अब तक कई पत्र-पत्रिकाओं में छप चुके हैं और उन्होंने एक उपन्यास भी लिखा है जो बहुत जल्दी पाठकों के बीच आने वाली है | शौकिया तौर पर चित्रकारी भी करते हैं टिकेश्वर सिन्हा”गब्दीवाला” की पहलाजी चोर नामक कहानी संग्रह पर उन्होंने कवर डिजाइन किया है | शतरंज खेलने के भी शौक रखते हैं | स्कूल कॉलेजों में भी उनका रिकॉर्ड बहुत अच्छा है वह कई पुरस्कार जीत चुके हैं | इसके अलावा उन्हें आदिवासी गौरव सम्मान,आदिवासी दिवस के अवसर पर 2022 में तत्कालीन कलेक्टर पी.एस.एल्मा एवं विधायक डॉ लक्ष्मी ध्रुव के हाथों सम्मानित किया गया | भानुप्रताप ने बताया कि उनकी कलाकारी ने उनको एक नई पहचान दे रही है जो समय-समय पर अलग-अलग समाचार पत्रों में उनकी कलाकारी को स्थान मिलता रहता है | इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने भी उनकी कलाकारी को लोगों तक पहुंचाया गया है | भानुप्रताप लेखन और कलाकारी तक ही सीमित नहीं है पढ़ाई-लिखाई में भी अच्छा रिकॉर्ड रखते हैं और स्कूल कॉलेजों में प्रथम श्रेणी में पास है | बीएससी की पढ़ाई पूर्ण कर चुके भानुप्रताप के माता-पिता मजदूर हैं, उन्होने बताया कि बिना विशेष सुख सुविधा के गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बना सकते हैं तो शासन-प्रशासन सपोर्ट करें तो एक दिन गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी नाम दर्ज करने से कोई नहीं रोक सकता | भानुप्रताप की आर्थिक स्थिति कमजोर होने के बावजूद हौसला बुलंद है वे कभी पीछे मुड़ कर देखना नहीं चाहते | शासन प्रशासन से सहयोग की अपेक्षा भी रखते हैं क्योंकि वे जीते जी कुदरत की दिए हुए अद्भुत प्रतिभा को मरते देख नहीं सकते |
 
								 
								 
															 
															 
															 
															 
				 
															


