आदिवासी समाज लगातार हो रहे हैं प्रताड़ित – माधव सिंह ठाकुर

मगरलोड @ टोमन लाल सिन्हा। 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर मगरलोड ब्लाक के प्रमुख आदिवासी नेता माधव सिंह ठाकुर ने बताया की सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ में अपने संवैधानिक एवं नैसर्गिक अधिकारों की रक्षा तथा ज्वलंत समस्याओं को लेकर पिछले कई वर्षों से शासन-प्रशासन को निवेदन किये, कोई सकारात्मक पहल सरकार के द्वारा नहीं होने से अपनी बात रखने के लिए लोकतांत्रिक तरीके से दिनों 19 जुलाई 2021 को जिला/ब्लॉक स्तरीय धरना, प्रदर्शन माह सितम्बर 2021 में बंद एवं चक्काजाम किये, प्रदेश स्तरीय महाबंद भी किये उसके उपरांत भी सरकार, प्रशासन एवं जिला स्तर पर भी कोई पहल नहीं किया गया, 14 मार्च को 2022 को हुंकार रैली एवं विधानसभा घेराव, 32 प्रतिशत के लिए जिला, ब्लांक में धरना उपरांत संभाग स्तरीय धरना प्रदर्शन 15-11-2022 को किया गया। आज भी इस प्रदेश के बहुसंख्यक आदिवासी समाज हताश एवं नाराज है। पूर्व में 19 फरवरी 2018 को रावणभाठा मैदान रायपुर में सर्व आदिवासी समाज के संवैधानिक एवं विभिन्न मांगो के 21 सूत्रीय मांग पत्र पर सभी समाज प्रमुख एवं वर्तमान सरकार के अधिकतर विधायक और मंत्रियों का भी हस्ताक्षर है, न पूर्व के सरकार, न ही वर्तमान सरकार द्वारा जिसमें बहुसंख्यक आदिवासी विधायक है इसके बावजूद आदिवासी समाज के किसी भी प्रावधानित संवैधानिक अधिकार, मांग एवं प्रताड़ना में कोई भी निदान नहीं हुआ है। सर्व आदिवासी समाज का शासन के प्रति नाराजगी का प्रमुख संवैधानिक एवं नैसर्गिक अधिकार तथा ज्वलंत समस्याएं निम्र है
आदिवासी बाहुल राज्य में राज्य गठन नवम्बर 2001 से आरक्षण 32% मिलना था लेकिन नहीं मिला। 2012 का अध्यादेश भी हाई कोर्ट से अपास्त हो गया । संवैधानिक प्रावधान होते हुए भी आदिवासी समाज का प्रतिशत आरक्षण नहीं मिल रहा है। जिला सुकता के ग्राम-सिलेगर में निर्दोष ग्रामीणों के उपर अंधाधुंध गोलीबारी से मृतकों के परिजन को 50 लाख और घायलों को 5 लाख एवं मृतक परिवार के एक सदस्य को योग्यतानुसार शासकीय नौकरी दिया जाए। एडसमेटा, सारकेगुडा, ताड़मेटला घटनाओं के न्यायिक जांच में सभी एनकाउंटर फर्जी पाया गया है दोषी अधिकारी, कर्मचारी पर तत्काल दण्डात्मक कार्यवाही एवं मृतक / प्रभावित के परिवार को उचित मुआवजा। बस्तर में नक्सल समस्या को स्थायी समाधान हेतु शासन स्तर पर पहल करे । छ0ग0 प्रदेश में पेसा कानून का नियम बनाया गया है उसमें संशोधन कर ग्राम सभा को पूर्ण अधिकार दिया जाये। छ0ग0 में विभिन्न शासकीय पदों के पदोन्नति में आरक्षण लागू करें। पांचवी अनुसूची क्षेत्र में गैर संवैधानिक रूप से बनाये गये नगर पंचायतों, नगर पालिक निगम को वापस ग्राम सभा बनाया जाये । छ0ग0 राज्य में समस्त वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाये जाये एवं वहां निवासरत किसानों को राजस्व ग्राम की तरह अधिकार एवं सुविधा दी जाए। सीतानदी अभ्यारण्य में प्रभावित वनग्राम / ग्राम में वनोपज संग्रहण और विक्रय का अधिकार दिया जावे। मात्रात्मक त्रुटि में सुधार किया जाकर 18 जनजाति को जाति प्रमाण पत्र (सामाजिक पारिस्थितिक प्रमाणीकरण पत्र) जारी करे। अनुसूची में उल्लेखित जनजातियों का जाति प्रमाण पत्र नहीं करने वाले संबंधित अधिकारी पर दण्डात्मक कार्यवाही करे। नगारची समाज के 15 से 20 प्रतिशत लोगों के मिशल रिकार्ड में मंगिया शब्द अंकित है जबकि मंगिया कोई जाति नहीं है को विलोपित कर नगारची मान्य कर जाति प्रमाण पत्र बनाया जावे। ऐसी ही अन्य अनुसूचित जनजातियों के भ्रामक भाषायी और लिपिकीय त्रुटि के चलते रोके गये जनजातियों के सामाजिक पारिस्थितिकी प्रमाणीकरण पत्र जारी करें। फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्रकरण पर दोषियों पर शीघ्र कार्यवाही हो शासकीय नौकरी में बैकलॉग एवं नई भर्तियों पर आरक्षण रोस्टर लागू किया जावे। पांचवी अनुसूची क्षेत्र में तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भर्ती में शत-प्रतिशत आरक्षण लागू किया जावे। प्रदेश के 5 वीं अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा की सहमति के बिना किये गये भूमि अधिग्रहण रद्द करें एवं बिना ग्राम सभा के सहमति के किसी प्रकार का कार्य न किया जाय एवं शासकीय एवं सार्वजनिक उपक्रम के अलावा किसी भी कार्य की सहमति न दी जाए बस्तर में नगरनार विनिवेश को रोका जाए तथा हसदेव कोल ब्लॉक खनन को भी रोका जाय | प्रदेश में खनिज उत्खनन के लिए जमीन अधिग्रहण न की जाए आवश्यक होने पर लीज में लेकर जमीन मालिक को शेयर होल्डर बनाए जाए । गौण खनिज का पूरा अधिकार ग्राम सभा को दिया जावे उक्त मांगे पूर्व जनपद पंचायत मगरलोड अध्यक्ष एवं ध्रुव गोड़ समाज अध्यक्ष मगरलोड माधव सिंह ठाकुर ने की है।

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