धमतरी। पूरे प्रदेश की अर्थव्यवस्था कृषि पर टिकी है और किसान अपनी जमीन का सब कुछ अपने ऋण पुस्तिका को समझता है , आज ऑनलाइन के दौर में जहां शासन राजस्व अभिलेख ऑनलाइन करने का ढिंढोरा पीट रही है वही दूसरी ओर हर साल सोसायटी में धान विक्रय पंजीयन के नाम पर ऑनलाइन बी 1 सहित ऋण पुस्तिका भी मांगा जा रहा है । पर जो किसान बीते छह माह में अपनी गाढ़ी कमाई से छोटी मोटी जमीन खरीदे हैं या गर्मी के मौसम में बंटवारा आदि हुए हैं वे किसान किसान किताब के लिए दर दर भटक रहे है तहसील कार्यालय से लेकर जिला कार्यालय के चक्कर कांट रहे हैं । पर बीते तीन माह से कुरूद तहसील के अंतर्गत के किसानों के लिए तहसील में ही ऋण पुस्तिका या किसान किताब उपलब्ध नहीं है । जिला किसान संघ के नेता लालाराम चंद्राकर ने इस संबंध में तहसीलदार कुरूद सहित जिला के अन्य राजस्व अधिकारियों को दूरभाष पर पूछा तो प्रेस से छपकर नही आने की बात कही गई । ऐसी स्थिति में एक तरफ सरकार किसान हितैषी होने का दावा करती है और ऑनलाइन में आए दिन सर्वर की समस्या तो नक्शा नही खुलने किस समस्या तो कभी ऑनलाइन में रकबा बदल जाने या नाम गायब होने सहित तमाम समस्याओं सहित अब महज किसान किताब के लिए किसान परेशान होते नजर आ रहे हैं । किसान संघ के नेता लालराम चंद्राकर ने मीडिया को बताया कि दलाल लोग अपने धन प्रभाव से सीधे आयुक्त कार्यालय या जिला कार्यालय से ऋण पुस्तिका खरीद लेते हैं और आम आदमी और छोटे किसान दर बदर भटकते रहते हैं । यदि जल्द ही कुरूद क्षेत्र में ऋण पुस्तिका की समस्या दूर नही हुई तो किसान संघ जिला कार्यालय धमतरी स्थित भू अभिलेख शाखा का घेराव करेगी और उग्र आंदोलन भी करेगी ।
