हास्य कवि-सम्मेलन का आयोजन, कविताओं को सुनने जुटे रहे श्रोता

कुरूद। वन्देमातरम परिवार कुरूद द्वारा होली के पूर्व संध्या 24 मार्च को हास्य कवि सम्मेलन (रसरंग) होली महोत्सव का आयोजन किया गया ! जिसमे कविगण पद्म डा. सुरेन्द्र दुबे छत्तीसगढ़, योगेन्द्र शर्मा राजस्थान, गोविंद राठी मध्यप्रदेश ने हास्य कविताओं के माध्यम से कुरूद के ऐतिहासिक कवि सम्मेलन “होली महोत्सव” मे सम्मिलित होकर रंगो के त्यौहार को हास्य रंगीन किये !
इस गरिमामयी आनंद रस से सराबोर आयोजन मे हज़ारों की संख्या मे दर्शकों ने खुब आनंद लिये, कवि सुरेन्द्र दुबे का अनोखा और नये अंदाज़ अब तक के सबसे अच्छा कविता पठन किये, राजस्थान के कवि योगेन्द्र शर्मा ने वीर रस के माध्यम भारत मां के बारे में चित्रित कर अवध में श्रीराम चन्द्र जी भव्य मंदिर का उल्लेख करते हुए वीरता और ओज से भरे कविता पठन किये, मध्यप्रदेश से आये कवि गोविंद राठी जी अपने ओजस्वी काव्य के माध्यम से कविता पठन कर दर्शकों को होली के रंग को उल्लेख कर रंगोत्सव के त्यौहार को खुब रंगीन किये !
इस गरिमामयी कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप मे कार्यक्रम के संरक्षक कुरूद विधायक अजय चन्द्राकर, अध्यक्षता रूपकुमारी चौधरी पूर्व विधायक बसना, विशिष्ट अतिथि ज्योति चन्द्राकर पूर्व अध्यक्ष नगर पंचायत कुरुद, रविकान्त चन्द्राकर पूर्व अध्यक्ष नगर पंचायत कुरूद, विशिष्ट अतिथि के रूप में भानु चन्द्राकर संस्था प्रमुख वन्देमातरम परिवार समिति, विशिष्ट नागरिकगण गौकरण साहु, रामस्वरूप साहु, कुलेश्वर चन्द्राकर, आनंद यदु, पुष्पेंद्र साहु, होरीलाल साहु, मालकराम साहु, सुरेश अग्रवाल, कृष्णकांत साहु, मोहन अग्रवाल, आदर्श चन्द्राकर, लोकेश्वर सिन्हा, धमतरी प्रेस क्लब अध्यक्ष दीप शर्मा, कुरूद प्रेस क्लब अध्यक्ष मुलचंद सिन्हा के गरिमामयी आतिथ्य मे सम्पन्न हुआ !
होली के अवसर पर संस्था के संरक्षक अजय चन्द्राकर ने कहा कि कुरूद के सांस्कृतिक परंपरा सदैव विस्तृत होते रहेगा ! कुरूद क्षेत्र विकास कार्यों से लेकर हर क्षेत्र मे सदैव अग्रणी रहा है, कार्यक्रम के आभार व्यक्त करते हुए वन्देमातरम परिवार के अध्यक्ष भानु चन्द्राकर ने समस्त अतिथियों एवं कवियों का अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि इस बार आचार संहिता के चलते काव्य पाठ के लिए समय कम मिला प्रशासन के नियमों का पालन करना हम सबकी ज़िम्मेदारी है, कुरूद मे सभी सांस्कृतिक-धार्मिक कार्यक्रम अविष्मरणीय रहा है, यहां के सांस्कृतिक विरासत बहुत मजबुत है ! हमारे संस्था द्वारा लगातार 19 वर्षों से यह आयोजन होते आ रहा है। कार्यक्रम का संचालन प्रभात बैस ने किया, इस अवसर पर माहेश्वरी समाज के पदाधिकारियों द्वारा तीनों कवियों का सम्मान किया गया।

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