छत्तीसगढ़ का सौभाग्य है कि यह कौशल्या माता की पवित्र भूमि है, ऋषि-मुनियों की तपोस्थली है – विष्णु देव साय

कुरूद। कुरूद नगर में आयोजित गौरीशंकर शिव महापुराण की कथा सुनने पहुंचे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि कुरूद की पवित्र धरती में आयोजित इस विशाल शिव पुराण कथा में मौजूद यह भारी भीड़ बता रही है कि यहां के लोग कितने धर्म प्रेमी , शिवभक्त और संस्कारी है जो ऐसी भीषण गर्मी में भी प्रभु का नाम और प्रभु की महिमा सुनने को बैठे हैं ।

श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ का सौभाग्य है कि यह कौशल्या माता की पवित्र भूमि है ,ऋषि मुनियों की तपोस्थली है। उन्होंने प्रभु से श्री राम के वनवास काल का उल्लेख करते हुए बताया कि श्री राम ने अपने वनवास का अधिकांश समय छत्तीसगढ़ अर्थात दक्षिण कौशल में ही व्यतीत किया था । जिसमें शिवरीनारायण में शबरी के झूठे फल बेर खाए और राजिम के त्रिवेणी संगम में कुलेश्वर महादेव का निर्माण कर उनकी पूजा की। सीता रसोई आदि का उल्लेख मिलता है ।

उन्होंने कहा कि कुलेश्वर महादेव की पूजा आदि कर ही प्रभु श्री राम दंडकारण्य में प्रवेश किए थे। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि धर्मांतरण के कार्य को रोकना ही कथा सुनने से सार्थक होगी उन्होंने मिशनरियों पर प्रहार करते हुए कहा कि वे लंबे समय से अशिक्षित अज्ञानी गरीब वर्ग को मोह जाल में फंसा कर धर्मांतरित करवाते थे लेकिन आज पढ़े-लिखे और संपन्न लोग भी धर्मांतरण कर रहे हैं जो की बहुत गलत है। इसलिए हमें धर्मांतरण और गौहत्या पर अंकुश लगाने के लिए सनातन धर्म को जानना और उसका पालन करना बेहद जरूरी है।

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