धमतरी। कलेक्टर नम्रता गांधी के मार्गदर्शन में जिले में पहली बार एग्रीस्टैक साफ्टवेयर से डिजिटल क्राप सर्वे शुरू हुआ। गौरतलब है कि शासन यह महत्वाकांक्षी योजना है, जिसमें आने वाले समय में आफलाइन गिरदावरी कार्यों में पूर्ण पारदर्शिता लाने आनलाईन गिरदावरी की जावेगी।प्रदेश में जिले का चयन पायलेट प्रोजेक्ट के रुप मे किया गया है। शासन के निर्देश अनुसार जिले के 645 ग्रामों मे से जिओ रिफ्रेंसिंग पूर्ण 383 ग्रामों में डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाना है। इसके मद्देनजर बीते दिन जिले के कोड़ेबोड, छुही सहित विभिन्न गांवों में सर्वे किया गया।
स्थानीय 1594 ग्रामीण युवक/ युवतियों (सर्वेयरों) का तहसीलदार द्वारा चयन कर तहसीलवार प्रशिक्षण दिया गया था। इस योजना में विज्ञान संकाय में दसवीं, बारहवीं, स्नातक (विज्ञान/कृषि) में उत्तीर्ण 18 वर्ष से अधिक आयु के स्थानीय ऐसे युवक/युवती, जिनको एंड्रॉयड मोबाइल चलाना आता हो, का सर्वेक्षक के रुप में चयन किया गया।पटवारियों को सुपरवाइजर और राजस्व निरीक्षकों को सत्यापन कर्ता, तहसीलदार को जाँचकर्ता के रुप मे नियुक्त किया गया। सर्वेक्षकों को सर्वे के एवज में 10 रूपये प्रति खसरे मानदेय दिया जायेगा। इस हेतु ऐसे शिक्षित खाताधारक जिनको एंड्रॉयड मोबाइल चलाने आता है,वे भी अपने द्वारा धारित भूमि में लगी फसलों का डिजिटल क्राप सर्वे कर सकते हैं। इनके द्वारा संपांदित कार्यों के लिए मानदेय निर्धारित नही की गई है। तहसीलदार व एसडीएम को राज्य स्तर पर प्रशिक्षण दिया गया। जिला स्तर पर मास्टर ट्रेनर दीपचंद भारती ,(राजस्व निरीक्षक भू अभिलेख) द्वारा सर्व राजस्व अधिकारियों,भू अभिलेख अधिकारियों,राजस्व निरीक्षकों,पटवारियों, डाटा एंट्री आपरेटर, सर्वेक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया। एग्रीस्टैक योजना अंतर्गत डिजिटल क्राप सर्वे में सर्वेक्षको के कार्यों का पर्यवेक्षण संबंधित ग्रामों के पटवारियों द्वारा किया जावेगा। भविष्य में ऐसे कार्यों के संपादन के लिए चयनित सर्वेक्षकों का सहयोग लिया जा सकेगा