
कुरूद। संत गुरु घासीदास शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय कुरूद में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई 1 के तत्वाधान में गांधी जयंती के अवसर पर स्वच्छता ही सेवा है कार्यक्रम के अंतर्गत स्वच्छता दिवस का आयोजन किया गया l इस अवसर पर स्वयंसेवकों के द्वारा महाविद्यालय के मुख्य गार्डन की सफाई कर श्रमदान किया गया l इसके बाद गांधी चौपाल लगाकर गांधी जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व तथा स्वच्छता के संबंध में गांधीजी के विचार विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया l विचार गोष्ठी के मुख्य अतिथि चुड़ामणि साहू शिक्षक थे l
उन्होंने कहा कि गांधीजी को राष्ट्रपिता कहा जाता है , वें राष्ट्रपिता ऐसे ही नहीं बनें हैं , उनके राष्ट्रपिता बनने के पीछे बहुत संघर्ष रहा है l वें आजीवन सत्य की राह पर चलें और वें अंहिसा के प्रबल समर्थक थें l गाँधीजी के द्वारा जितने भी आंदोलन हुए , सत्याग्रह हुए उसमें उन्होंने कभी भी हिंसा का सहारा नहीं लिया l वें अहिंसा के माध्यम से ही अपनी बातों को अंग्रेजों को मनवाने का प्रयास कियें और इससे उनकी छवि पूरे देश में अच्छी बनी जिसके कारण ही वें आगे चलकर राष्ट्रपिता कहलायें l स्वच्छता ही सेवा है कार्यक्रम के संबंध में उन्होंने कहा कि -स्वच्छता का भाव हमारे संस्कार में , हमारी आदतों में होना चाहिये l
महाविद्यालय के जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष भोजराज चंद्राकर नें कहा कि स्वच्छता एक दिन में नहीं आयेगी इसके लिये निरंतर प्रयास करनें की आवश्यकता है lइसके लिये लोगों के बीच जाकर उन्हें जागरूक करना पड़ेगा कि वें डस्टबिन का उपयोग करें एवं कचरें को कहीं भी खुले स्थान में ना डालें lआगे उन्होंने कहा कि भारत धीरे -धीरे स्वच्छ बन रहा है।आप देखिये स्वच्छ भारत मिशन के आनें से गाँवों में बड़ा परिवर्तन आया है गाँव – गाँव में शौचालय बननें से गाँव का परिवेश और वातावरण स्वच्छ हुआ है और यह सब परिवर्तन धीरे-धीरे ही आया है l
कार्यक्रम का संचालन करते हुए कार्यक्रम अधिकारी विजय कुमार नें कहा कि गांधीजी केवल बाहरी स्वच्छता पर ही ध्यान नहीं देतें थें बल्कि वें आंतरिक स्वच्छता की भी बात करतें थें l गांधीजी कहा करतें थें कि सच्ची शिक्षा वही है जो आचरण से दी जायें lगांधी जी मन , वचन और कर्म से किसी को भी पीड़ा नहीं पहुंचाने की बात करतें थें और वें स्वयं भी अपनें जीवन में इस बात का अनुपालन करतें थेl इस मौके पर जनभागीदारी समिति के सदस्य अनुराधा साहू , वर्षा निर्मलकर के साथ स्वयंसेवक केशव ध्रुव, यामिनी कंवर, जागेन्द्र सिंह, विषभ सोनकर, रोशनी साहू आदि उपस्थित थे l