कुरूद । कुरूद दशहरा महोत्सव में विजयादशमी के दिन बहुत ही धूमधाम के साथ बैंड-बाजे के साथ प्राचीन श्रीराम मंदिर से प्रभु श्रीराम जी और लक्ष्मण जी की शोभायात्रा मुख्य मार्ग से गुजरकर खेल मेला मैदान पहुंची।जहां अभिव्यक्ति कला मंच के कलाकारों द्वारा रामलीला के मंचन रावण वध भव्य आतिशबाजी के साथ संपन्न हुआ।जिसके साथ ही सभी ने एक दूसरे को सोनपत्ती भेंट कर असत्य पर सत्य की जीत के प्रतीक पर्व की बधाई दी।
इसके उपरांत मंचीय गतिविधियों की शुरुआत हुई ,जिसमें मुख्य अतिथि दशहरा महोत्सव के मुख्य संरक्षक और क्षेत्रीय विधायक अजय चंद्राकर थे।साथ ही मंचासीन अतिथियों में दशहरा महोत्सव के संरक्षक गणों मे नगर पंचायत अध्यक्ष तपन चन्द्राकर, पूर्व नगर पंचायत अध्यक्षों में राजकुमारी दीवान, निरंजन सिन्हा,ज्योति चंद्राकर, न.प. उपाध्यक्ष मंजू साहू,दशहरा महोत्सव के अध्यक्ष अनिल चंद्राकर,महासचिव भानु चन्द्राकर, कोषाध्यक्ष बसंत सिन्हाकी गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ ।
मंचीय उद्बोधन में सर्वप्रथम महोत्सव समिति के अध्यक्ष अनिल चन्द्राकर ने कहा इस बार रजत जयंती वर्ष में हमारे महोत्सव समिति लगभग 500 विशिष्ट व्यक्तियों का सम्मान किये है, नगरवासियों को इस महा उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएँ, नगर पंचायत अध्यक्ष तपन चंद्राकर ने सभी को पर्व की बधाई देते हुए कहा कि दशहरा पर्व अधर्म पर धर्म की जीत का पर्व है,जो हमें सत्य की राह पर चलना सिखाता है,हम सभी मिलजुलकर इससे प्रेरणा ले और जनसेवा में सहभागी बने।
मुख्य अतिथि कुरूद विधायक महोत्सव के संरक्षक अजय चंद्राकर ने महोत्सव के पूर्व अध्यक्ष रहे कुशल सुखरामनी को याद कर उनके सपनों को साकार करने की बात कही। उन्होने कहा कि दशहरा महोत्सव को आज 25 साल पूरे हुए है,यह हमारे महोत्सव के कर्मठ कार्यकर्ताओं और सहयोगियों से संभव हुआ है। श्री अजय ने सभी को विजयादशमी की बधाई देते हुए कहा आप सभी नगरवासी इस गरिमामयी पर्व को और भी शानदार रूप दे सके।आप सभी अपने सार्वजनिक जीवन को इतना शानदार बनाए कि लोग आपको आपकी उपलब्धि के लिए याद करें।कुरूद में आने वाले दिनों में सांस्कृतिक आयोजनों की कड़ी में आगामी बसंत पंचमी पर भव्य कार्यक्रम होने जा रहा है,जिसका आप सभी को मै इस मंच से आमंत्रण देता हूं।आप सभी को एक बार पुनः आज के इस महान पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।
इसके उपरांत महोत्सव समिति द्वारा मुख्य अतिथि के करकमलों से अभिव्यक्ति कला मंच के कलाकारों ,महोत्सव समिति में जुड़कर दिन रात अपनी मेहनत से इस रजत जयंती को सफल बनाने वाले कर्मठ पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और सहयोगियों को प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया।
इसके पश्चात अंतिम दिवस की सांस्कृतिक संध्या विजय सिंह आर्केस्टा की मनभावन प्रस्तुति प्रभु श्री राम चंद्र के भजन के साथ हुई।इसके उपरांत मुख्य कलाकार विजय सिंह ने अपने प्रसिद्ध गीत मोला झावा मारे गीत से अपनी दिलकश शुरुआत करते हुए सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने मंच से उतरकर दर्शकों के बीच जाकर सभी को गाना गाने और झूमने पर मजबूर कर दिया।इसके साथ एक से बढ़कर एक छत्तीसगढ़ी गीतों की प्रस्तुति देकर कार्यक्रम का समा बांधा।उन्होंने अपने रसीले अंदाज में छोटे छोटे बच्चों को मंच पर आमंत्रित कर उन्हे झूमने पर मजबूर कर दिया।उन्होंने साइकल से आया गोरी , सोनमछरी जैसे गीतों का नजराना पेश किया वहीं सहायक कलाकारों ने एक से बढ़कर एक हिंदी और छत्तीसगढ़ी गीतों से देर रात तक दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। अंत में महोत्सव समिति के महासचिव भानु चन्द्राकर द्वारा विजय सिंह, इबरार खान और साथी कलाकारों का स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया।
आभार प्रदर्शन करते हुए महासचिव भानु चंद्राकर ने विजयादशमी पर्व के समस्त कार्यक्रमों में शामिल हुए समस्त अतिथियों , गणमान्य जनों मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, मुख्य संरक्षक अजय चन्द्राकर, महोत्सव से जुड़े समस्त सहयोगियों सहित नगर-क्षेत्र की जनता, नगर पंचायत कुरूद, पुलिस प्रशासन सहित प्रशासन के विभागों, मिडिया और समिति के समस्त पदाधिकारियों-सदस्यों का आभार जताया और उन्होंने कहा कि प्रथम दिन से लेकर आज तक सभी कार्यक्रम में आप सभी के सहयोग से सफल हुआ।महोत्सव मे प्रतिदिन अलग- अलग रूप में इस आयोजन को सफल बनाने वाले महोत्सव के समस्त पदाधिकारी एवं सदस्यों, शासन-प्रशासन के पदाधिकारियों, संघ संगठनों के पदाधिकारियों, स्वास्थ्य सेवकों, ज़मीनी कार्य करने वाले सेवकों, मिडिया के मित्रों का सम्मान किया गया।कार्यक्रम में मंच संचालन कर रहे महोत्सव के सांस्कृतिक सह प्रभारी प्रभात बैस ने किया।
इस अवसर पर महोत्सव समिति के सदस्यगणो में अध्यक्ष अनिल चन्द्राकर, महासचिव भानु चन्द्राकर, कोषाध्यक्ष बसंत सिन्हा, पार्षदगण राखी चन्द्राकर, सुचित्रा अग्रवाल, मनीष साहु, पूर्व उपाध्यक्ष मोहन अग्रवाल, पूर्व पार्षदगण सुनील चन्द्राकर, भारत भूषण पंचायन, पिंटू विनोद चन्द्राकर, हिरेश सिन्हा, कमल शर्मा, खिलेंद्र देवांगन,रवि चंद्राकर ,किशोर यादव, खूबलाल चंद्राकर, देवा पटेल, जितेंद्र चन्द्राकर, संतोष बैस, भोजराज चन्द्राकर, कोमल साहु, मुकेश कश्यप, योगेश चन्द्राकर, तुकेश साहु, भूपेन्द्र-छोटू, केशव चन्द्राकर, खिल्लू साहु, दौलत ध्रुव, थनेश्वर साहु, चुनमुन चन्द्राकर, रंजन साहु, ज्ञानचंद सिन्हा, केवल साहु, डब्बू निर्मलकर, खोमन चन्द्राकर, सहित नगर एवं क्षेत्र के 20 हजार से ज़्यादा श्रद्धालुजन महोत्सव में सम्मिलित हुए।