शराब दुकानों में शराब लेने गए लोगो के साथ चाकूबाजी में क्यों न सरकार के खिलाफ हो एफआईआर दर्ज – गीत राम सिन्हा जिला महासचिव युवा कांग्रेस

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विश्वनाथ गुप्ता @ धमतरी…. धमतरी में चाकू बाजी एक आम घटना है लेकिन शराब दुकानों के आस पास नशेड़ी बटंची बाज लोगो ने खासा आतंक मचा रखा है जो अधिकत्तर रात में कमजोर तबके के लोगो को ,,जो आदतन शराब लेने या पीने जो अधिकत्तर ड्राइवर और हमाल मजदूरी करने वाले होते है जिनका रोजाना पीना लगभग तय है
पर ये आदत अब उन्हें भारी पड़ रही है क्यों की जायदा अंदरूनी या अंधियारी इलाको के शराब दुकानों चाहे शहर हो या ग्रामीण इलाके यहां नशेड़ी बटंची बाज ऐसे लोगो का इंतजार करते रहते है की कब कोई कमजोर बकरा मिले तो ये उन्हें हलाल करने की फिराक में रहते है और मौका देख ,, लुट खसोट करते है आदमी डर कर सीधे दे दे तो ठीक नही तो ये चाकू बाजी करने से भी बाज नहीं आ रहे
अभी ताजा तरीन मामला हटकेशर शराब भट्टी का है जहा उपेंद्र यादव नामक गाड़ी चालक चालू मारकर 4 नशेड़ी युवकों ने 3000 नगदी और मोबाईल लूट लिया है युवक को भाग कर जान बचानी पड़ी और सही जगह पहुंचने पर उसने परिजनों और पुलिस को खबर दी फिलहाल युवक जिला अस्पताल में भर्ती है  और पुलिस मामला दर्ज कर जांच कर रही है
लेकिन इस बीच युवा कांग्रेस जिला महासचिव का एक बयान आया है की जब सरकार सुबह से लेकर देर रात दारू बेचने का काम कर सकती है तो लोगो

को सुरक्षा क्यों नहीं से सकती ,,करोड़ों रुपया कमाने के लिए जनता जनार्दन का उपयोग कर सकती है तो क्यों शराब क्रेता की जान माल की सुरक्षा बड़े पैमाने में नही कर सकती क्या जनता सिर्फ पैसा कमाने के लिए है उसकी जान की कोई कीमत नहीं अगर उसकी मौत शराब खरीद कर आते वक्त ऐसे हालातो में चाकू बाजी से हो जाती है तो उसका जिम्मेदार कौन है क्योंकि बिना सुरक्षा शराब दुकान सरकार चलाए और इसका खामियाजा जनता भुगते मरने वाले के घर वाले भुगते ऐसी स्थिति में अगर मामला दर्ज किया जाना चाहिए तो सबसे पहले क्यों न सरकार पर मुकदमा दर्ज किया जाए क्योंकि शराब सरकार बेच रही तो जिम्मेदारी भी उससे ही उठानी चाहिए
गीत राम सिन्हा की बात भले ही तर्क संगत न हो लेकिन एक युवा नेता के मन में धमतरी में हो रहे चाकू बाजी को लेकर जो चल रहा है वो ,,भाव स्पष्ट है की शहर में चल रहे बिना रोक टोक जुर्म पर सिर्फ चलानी छाप कार्यवाइ से काम नही बनने वाला है इस पर सरकार को कोई ठोस कदम उठाना पड़ेगा … क्योंकि जुर्म एंड द स्पॉट हो रहा तो सजा भी एंड द स्पॉट वाली होनी चाहिए ये गिरफ्तार करो चालान भरो और पेशी बड़ाओ और चवनी छाप गवाह जो पैसे देकर बुलाए जाते है जिनको क ख ग भी नही मालूम होता है की नही मालूम वाली गवाही के कारण ये फिर बाहर नजर आते है वारदात को अंजाम देते है

कल कल करते समय बीत जायेगा आज किसी के घर का बच्चा जा रहा है कल पता नही किससे घर नेवता आयेगा
वो बड़ी गाड़ियों में घूमने वाले जन नेता और अफसर अगर ये सोच रहे है की उनका आशियाना सुरक्षित है तो बहुत बड़ी गलत फहमी में जी रहे.

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