उपभोक्ताओं को न्याय दिलाने में उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के कार्य सराहनीय – अरुण साव

रायपुर। उप मुख्यमंत्री तथा विधि एवं विधाई कार्य मंत्री अरुण साव आज छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग द्वारा आयोजित उपभोक्ता जागरूकता सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने राजधानी रायपुर के नवीन विश्राम भवन में आयोजित सम्मेलन में आयोग के द्विवार्षिक प्रतिवेदन के मुद्रित एवं ई-संस्करण का विमोचन भी किया। छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरड़िया ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा और सचिव अन्बलगन पी. विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मेलन में शामिल हुए।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने उपभोक्ता जागरूकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उपभोक्ताओं को न्याय दिलाने, धोखाधड़ी व ठगी से बचाने तथा जागरूक करने में राज्य एवं जिला स्तरीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग सराहनीय कार्य कर रहा है। उपभोक्ताओं को ई-जागृति पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन सुविधाएं भी मिल रही हैं। उनकी सहूलियत के लिए आयोग ऑनलाइन सुनवाई प्रारंभ करने की भी तैयारी कर रही है। उन्होंने सम्मेलन में मौजूद विधि के छात्र-छात्राओं से अपील की कि वे उपभोक्ताओं को जागरूक करने और उन्हें उनके अधिकारों से अवगत कराने का काम करें। श्री साव ने आयोग के कार्यों को मजबूती प्रदान करने और विस्तारित करने राज्य शासन से हर तरह का सहयोग प्रदान करने की बात कही। उन्होंने उपभोक्ता अधिकारों के प्रति नागरिकों को जागरूक करने व्यापक प्रचार-प्रसार कार्यक्रम संचालित करने की घोषणा की।

छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरड़िया ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य शासन की ओर से आयोग को भरपूर सहयोग मिल रहा है। हमारे सभी प्रस्तावों को सरकार ने स्वीकृत किया है। वर्तमान में राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में ई-सुनवाई की व्यवस्था है। आगामी तीन महीनों में हम इस व्यवस्था को प्रदेश के सभी 17 जिला स्तरीय आयोगों में लागू करने जा रहे हैं। उपभोक्ताओं को शीघ्र न्याय मिले, इसके लिए राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के साथ ही सभी जिला स्तरीय आयोग सक्रियता से काम कर रहे हैं।

न्यायमूर्ति श्री चौरड़िया ने कहा कि पिछले दो वर्षों में लोगों को न्याय दिलाने आयोग ने मामलों की तेजी से सुनवाई की है। दो वर्ष पहले पूरे प्रदेश में दस हजार 600 मामले लंबित थे, जो अब घटकर 6500 रह गए हैं। अगले छह महीनों में सभी लंबित प्रकरणों के निराकरण का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि आयोग आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में भी उपभोक्ता हितों के संरक्षण के लिए केस फाइलिंग, सुनवाई और दस्तावेजीकरण के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार शुरू करने जा रहा है। उन्होंने रायपुर में ज्यादा प्रकरणों को देखते हुए आयोग की एक अतिरिक्त बेंच प्रारंभ करने की भी जानकारी दी।

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