मूलनिवासी समाज की पहल से अंबेडकर जयंती में संपन्न हुआ संवैधानिक विवाह

कुरूद। मूलनिवासी (ओबीसी -एससी -एसटी) समाज की पहल से आदिवासी भवन कुरूद मे संविधान निर्माता भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती का आयोजन किया गया, जिसमे भारतीय संविधान की शपथ लेकर सतवंत सिंह महिलांग पिता हुकुमचंद महिलांग और भारती टंडन पिता परिवार व समाज के लोगों की उपस्थित मे विवाह कर दाम्पत्य जीवन में प्रवेश किया, यह संवैधानिक विवाह क्षेत्र में खासा चर्चा का विषय बना हुआ है. इस विवाह को भारतीय मूलनिवासी सामाजिक एकीकरण की नजरिया से देखा जा रहा है |

कार्यक्रम की शुरुआत बाबा साहब अंबेडकर, चक्रवर्ती सम्राट अशोक और शिक्षा के अग्रदूत महात्मा ज्योतिबा फुले के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर संविधान की प्रस्तावना की सामुहिक पठन कर किया गया |

इस अवसर पर अधिवक्ता शत्रुहन सिंह साहू ने वर वधु को दांपत्य जीवन में प्रवेश के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इतिहास सीखने की चीज है, डूबने की नहीं, इतिहास की गलतियों को दोहराए बिना वर्तमान में मेहनत कर समाज के उज्जवल भविष्य के लिए काम करने की आवश्यकता है मूल निवासी समाज के बैनर तले संपन्न इस ऐतिहासिक विवाह के आप सब साक्षी हैं आने वाले समय में यह ओबीसी एससी एसटी के एकता का प्रतीक बनेगा | हमे ऐसे समाज निर्माण करना है जहां जाति वर्ग धर्म संप्रदायिक असमानता का कोई स्थान न हो, जहां सबको सम्मान और न्याय मिले, बसंत ध्रुव, समारू सिन्हा, पुखराज ध्रुव, टिकेश्वर सिंह, पंडित शंकर दादा युवराज सिंह साहू, गजेंद्र टंडन , बोधन ध्रुव, हरीश चंद्र मंडावी, देवनाथ नेताम, ओमप्रकाश बर्मन ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्य है कि हमारे महापुरुषों के सपनों के भारत निर्माण को आगे ले जाने के बजाय आज हमारे जन प्रतिनिधि एवं सामाजिक नेता महापुरुषों को केवल राजनितिक लाभ के नजरिए से देखते है, इसलिए आज हम संकल्प लेते हैं कि गांधी और बाबा साहब के सपनों के भारत को निर्माण को पूरा करने के लिए आजादी की दूसरी संघर्ष को और मजबूत करेंगे |

कबीरधाम जिला से लड़का पक्ष और राजनांदगांव जिला डोंगरगांव से आये लड़की पक्ष के परिचय के पश्चात पंडित शंकर दादा ने विज्ञान सम्मत रीति-रिवाज के साथ संवैधानिक विवाह संपन्न कराया.

आयोजक सदस्यों द्वारा संविधान की प्रति भेंटकर नवदंपति को बधाई एवं शुभकामनाएं दी. उपस्थित लोगों ने स्वेच्छा से पुष्प राशि भेंट कर टिकावन की रस्म अदायगी भी की. इस अवसर पर अतिथियों ने कहा कि पिछड़ा वर्ग,एससी, एसटी समाज मूलनिवासी समाज है और उनकी रीति रिवाज एक समान है. इनकी प्रथाएं आडंबर और पाखंड से कोसों दूर है.इसलिए “हमारे समाज “कहना गलत नहीं होगा. अंबेडकर जयंती समारोह के बीच हुए संवैधानिक विवाह में पिछड़ा वर्ग,अनुसूचित जाति, और जनजाति समाज के ललित ठाकुर ,संतोष सोरी,हरिश्चंद्र मांडवी ,खेलन ध्रव, बसंत ध्रुव, लकेश्वर नेताम , बोधन छेदया, देवनाथ नेताम, रामायण ध्रुव, शंकर रात्रे, पोखराज नेताम, परमानंद कुर्रे ,डॉक्टर रोहित कुर्रे, शंकर रात्रे , युगल किशोर साहू, भीम साहू, बालमुकुंद नेताम, कमलेश साहू ,तुलसीदास बंजारे, समारोह राम सिन्हा, ओमप्रकाश बर्मन, राकेश पटेला, धर्मेंद्र सिंह नेताम , यामिनी साहू , राजकुमार टंडन , श्यामलाल नेताम, तामेश्वर साहू, टिकेश्वर साहू, भीखम साहू, सूरज प्रकाश डहरे, नेक राम साहू, उदेराम पदाम, बोधन ध्रुव, राजकुमार टंडन, सूरज प्रकाश डहरे,सहित सैकड़ो लोग उपस्थित थे.

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