पीडीएस चावल के सबसे बड़े काला बाजारी के ऊपर कब होगी कार्यवाही, मुनिस्पल स्कूल के पास है डेरा, यही से होता है स्वेरा

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धमतरी@विश्वनाथ गुप्ता…. धमतरी में पीडीएस चावल के काला बाजारी में दलाल ही नहीं बड़े राइस उद्योगपति भी शामिल है जहां रात सुबह के सवेरे से एल कर रात के अंधेरे में पीडीएस चावल की काला बाजारी चालू है
अब बात करे सबसे बड़े सप्लायर की तो ये सप्लायर धमतरी मुनिस्पल स्कूल के पहले एक डेलिनिड्स के दुकान का संचालक है जो बड़ी मात्रा में पीडीएस चावल का खरीदार है, इस काला बाजारी छोटे दलाल चावल राशन कार्डधारी लोगो से 26 से 27 रुपया प्रति किलो तक पीडीएस चावल मतलब जो सरकार द्वारा राशन दुकानों से गरीब लोगो को कम कीमत पर पालन पोषण के लिए चावल उपलब्ध कराया जाता है उसे खरीद कर ,,इस बड़े दलाल को बेच देते हैं जो इनको ऊपर का कमीशन बड़ा कर इनका पेमेंट कर देता है
अब ये चावल फिर से उस जगह पहुंच जाता है जहां से निकला था . अब आप सोच रहे होंगे की ये काम क्या आता है तो हम आज आपको आज विस्तार से समझाने की कोशिश करेंगे । ये चावल सही मायनो में राइस मिलों में लेवी के चावल में मिक्सिंग के काम आता है
लेवी का चावल मतलब शासन प्रशासन द्वारा राइस मिलों उद्योगपतियों से अनुबंध कर धान देता है मिलिंग करने के लिए और बदले में चावल लेता है एक उचित माप दंड प्रक्रिया पूर्ण होने पर और उस मीलिंग का बकायदा भुगतान भी करता है
लेकिन चावल नया होने के कारण उसमे टूट जायदा आता हैं जिसके कारण राइस मिल्लरो को लेवी जमा करने में चावल ग्रेडिंग सिस्टम को पास करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और एनालिसिस फेल होने के कारण नुकसान का सामना करना पड़ता है जिसके  कारण ये पीडीएस चावल को मिक्स करते है और ध्यान ये भी रखना पड़ता है की कही जांच में चावल जायदा मात्रा में मिला दिया तो चावल पुराना होने के कारण जांच में ये फेल हो जायेगा क्योंकि चावल ग्रीन मतलब खेल खत्म टाटा बाय बाय या दूसरी प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है और जो दूसरी प्रक्रिया है वो नेवला रूपी है जिसे निगल भी नहीं सकते और उगल भी नही सकते ।।उसका जीता जागता उदाहरण एक ही अधिकारी का जीना यहां ,मरना यहां वाली पदस्थापना से लगाया जा सकता है जिसके लिए ये कहावत भी उपयुक्त है
हम एक बार पैदा होते है ,,एक ही बार सरकारी नौकरी मिलती है इसलिए जो भी करना पड़े एक ही जिले में बॉनफिक्स,फेविक्विक, फेबिकोल और जीतने प्रकार के चिपको ब्रांड है उसे लगाकर यही जमे रहना है और शासन प्रशासन का हमेशा साथ निभाना है  से लगाया जा सकता है
शायद हम विषय से भटक गए है ये जो डेलिनिट्स का व्यापारी जो पीडीएस चावल के काला बाजारी से लाखो पीट रहा है और सीधे तौर पर प्रशासन को चेलेंज कर रहा है की अपने ऊपर सरपरस्त का हाथ है इस लिए जो करना है कर लो वाली स्थिति दिख रही है
अब इसे पकड़ने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को जायदा भाग दौड़ करने की जरूरत नहीं है सिर्फ का ईमानदारी से करना है और चांदी के उप नामों को फॉलो करना है बस ।

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