हथनीकला की शशि ठाकुर: हौसले से बदली तक़दीर, बनीं आत्मनिर्भरता की मिसाल

रायपुर। कभी आर्थिक तंगी से जूझने वाली शशि ठाकुर आज न सिर्फ अपने परिवार का संबल हैं, बल्कि ग्राम हथनीकला की दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा की प्रतीक बन चुकी हैं। “जहाँ चाह, वहाँ राह” की कहावत को उन्होंने अपने जीवन में चरितार्थ कर दिखाया है।

मुंगेली विकासखंड के एक छोटे से गांव हथनीकला में रहने वाली शशि का परिवार पूरी तरह खेती-किसानी और उनके पति के लघु व्यवसाय पर निर्भर था। पांच लोगों के परिवार का पालन-पोषण करना आसान नहीं था। लेकिन साल 2023 उनके जीवन में एक नया मोड़ लेकर आया, जब उन्होंने देविका स्वसहायता समूह से जुड़ने का निर्णय लिया।

समूह से ऋण प्राप्त कर उन्होंने शशि आटा चक्की की स्थापना की। शुरुआत में उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, कम ग्राहक, मशीन की देखरेख और विपणन की चुनौतियाँ। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। आत्मविश्वास के साथ निरंतर मेहनत करते हुए उन्होंने धीरे-धीरे अपने व्यवसाय को खड़ा किया।

आज शशि की चक्की से होने वाली आय से उनका परिवार आर्थिक रूप से मजबूत हो गया है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर घर की जरूरतें और थोड़ी-बहुत बचत भी अब नियमित रूप से हो रही है। शशि को महतारी वंदन योजना के तहत हर महीने एक हज़ार रुपये की आर्थिक सहायता भी मिल रही है, जिससे उनके खर्चों में स्थिरता आई है।

शशि ठाकुर अपने जीवन में आए इस बदलाव का श्रेय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और जिला प्रशासन को देती हैं। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ अगर सही समय पर मिलें और महिला खुद में विश्वास रखे, तो वह न सिर्फ अपने लिए, बल्कि पूरे परिवार के लिए उम्मीद बन सकती है।

अब शशि खुद गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। वे उन्हें स्वसहायता समूहों से जुड़ने, छोटे व्यवसाय शुरू करने और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने की सलाह देती हैं।

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