झमाझम बारिश में भी मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम में उमड़े पालक : बारिश होती रही ,लोग नाचते गाते रहे

प्रदीप साहू @ नगरी। स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट विद्यालय सिंगपुर में झमाझम बारिश के बीच मेरी माटी मेरा देश कार्यक्रम का आयोजन लीक से हटकर ऐतिहासिक ढंग से सम्पन्न हुआ। बूढ़ों से लेकर बच्चों तक ,माताओं से लेकर स्कूली बच्चियों तक में राष्ट्र भक्ति से जुड़े हुए इस कार्यक्रम में जोश देखने को मिला। झमाझम बारिश के बीच सम्पन्न इस कार्यक्रम की खास विशेषता रही कि किसी का जोश ठंडा नहीं पड़ा। लोग देश भक्ति गीतों के साथ साथ लोक गीत संगीत के साथ आरम्भ से अंत तक नाचते थिरकते रहे। जहाँ एक तरफ बीस महिला स्वसहायता समूह की महिलाएं इस कार्यक्रम में शामिल हुई वहीं बड़ी संख्या में बच्चों के पालक इस कार्यक्रम के साक्षी बने। देश की सांस्कृतिक विरासत की बहुत सारी झांकी भी यहाँ देखने को मिली। स्कूली बच्चे,शिक्षक तथा माताओं के लिए विशेष ड्रेस कोड तय किया गया था जिसके अंतर्गत स्कूली बालिकाएं पीली,हरी,नीली,लाल साड़ी में नजर आईं,वहीं प्राचार्य से लेकर सभी शिक्षक धोती कुर्ता में नजर आए।महिला शिक्षिकाएं भी गुलाबी रंग के वेशभूषा में नजर सआईं। इसके अतिरिक्त यहाँ कुछ बच्चे प्रदेश की धरती को सींचकर अन्न उपजाने वाले किसान की वेशभूषा में , कुछ बच्चे विशेष जन जाति कमार की वेशभूषा में ,कुछ बच्चे रावत नृत्य करने वाले रावत की वेशभूषा में तो कुछ बच्चे दक्षिण भारतीय वेशभूषा में तो कुछ बच्चे आदिवासी वेशभूषा में नजर आए। यही नहीं यहाँ बहुत सारे स्कूली बच्चे भारत माता,महारानी लक्ष्मीबाई,महात्मा गांधी, शहीद भगत सिंह , महिला शिक्षा के लिये समर्पित सावित्री बाई फूले, स्वामी विवेकानन्द ,चन्द्र शेखर आजाद,शहीद वीरनारायण, की वेशभूषा में नजर आए। प्रदेश की पहचान एवम सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने हेतु छतीसगढ़ महतारी की वेशभूषा एवम छत्तीसगढ़ की महिलाओं के परिधान को प्रदर्शित करने वाली बालिकाओं ने तो सबका ध्यान आकर्षित कर लिया।

सिंगपुर में आयोजित इस फ़कलश यात्रा की खासियत रही यहाँ के पालकों की भागीदारी। महिला स्वसहायता समूह से जुड़ी हुई माताओं ने नाचते गाते इस कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर भाग लिया। ग्रामीण महिलाओं ने पूरे समय तक सिर पर कलश को धारण किया। सर्वप्रथम विद्यालय में एकत्रित होकर कार्यक्रम के उद्देश्यों की जानकारी विद्यालय के प्राचार्य डॉ व्ही पी चन्द्रा ने दी। उन्होंने इस अवसर पर जानकारी देते हुए कहा कि जिन देश भक्त वीरों शहीदों,बलिदानियों की बदौलत हमें आजादी मिली उनके जीवन को जानना समझना तथा राष्ट्रीय एकता एवम अखंडता के लिए उनके बताए हुए मार्ग पर चलते हुए देश को सशक्त बनाना इस कार्यक्रम का उद्देश्य है।

इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सभी की भागीदारी जरूरी है।आज के नवयुवकों को देशभक्त वीरों की जीवनी से सीख लेकर राष्ट्र हित के तन ,मन एवम धन से जुटने की जरूरत है। उद्देश्यों पर बातचीत के बाद पूरे गांव का भ्रमण रैली निकालकर किया गया। रैली में स्कूली बच्चे देश प्रेम एवम देश भक्ति से सम्बंधित नारे लगाते नजर आए । इधर ढोल,नाल,मांदर,मंजीरा ,झांझ, खँजड़ी जैसे वाद्य यंत्रों के साथ देश भक्ति के गीत भी गूंज रहे थे। न केवल स्कूली बच्चे अपितु पालक भी देश भक्ति गीत में झूमते नजर आए।

छत्तीसगढ़ के सुवा गीत और सुवा नृत्य के साथ स्कूली बालिकाओं के ताल मिलाया वहीं स्कूली लड़कों ने दोहा बोलकर राउत नाच करते हुए थिरके। करमा नृत्य,रेला पाटा नृत्य ने तो सभी का ध्यान खींच लिया। रैली के दौरान प्रत्येक घर से मिट्टी एवम चांवल का संग्रहण किया गया। गांव से संग्रहित मिट्टी एवम चांवल को बड़े कलश में डाला गया। कलश यात्रा का समापन विद्यालय में वापसी के साथ किया गया।कार्यक्रम समापन के अवसर पर उपस्थित सभी लोगों ने देश की एकता एवम अखंडता को बनाये रखने का संकल्प भी लिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के सभी शिक्षक ,बच्चों का योगदान रहा। इस अनूठे कार्यक्रम को जिन माताओं की उपस्थिति में किया गया उन माताओं में कला बाई सेन,उत्तरा दीवान,रीना साहू,कमला बाई, विमला बाई सेन,तिलोत्तमा यादव,सुरुजबाई कंवर,मीना बसी कंवर,शिवकुमारी,गोमती ध्रुव,विमला यादव,सरिता साहू,टिकेश्वरी,तुलसी बाई कंवर,अत्सला यादव,लीलाबाई कंवर,शब्द बाई,रुक्मिणी साहू,त्रिवेणी सिन्हा,नर्मदा सोरी,खम्हन बाई कमार,सावित्री बाई कमार,सफीना बानो, माना बाई के नाम प्रमुख हैं। पुरुषों में राधेलाल सिन्हा,साम्वेल ग्वाल,मनोज ग्वाल,कोमल सिन्हा,नोहर साहू,बलदेव ,कंस राम यादव,जीवन साहू,हेमंत गंगासागर,मनोज कुंजाम प्रमुखतः उपस्थित थे। कार्यक्रम की भव्यता को देखने हेतु जिला शिक्षा कार्यालय से सहायक संचालक लक्ष्मण राव मगर,समग्र शिक्षा से जिला परियोजना समन्वयक देवेश सूर्यवंशी, सहायक परियोजना समन्वयक नन्द किशोर साहू विशेष रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्राचार्य डॉ व्ही पी चन्द्रा ने कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु स्कूली बच्चों एवम पालकों को धन्यवाद देते हुये आभार व्यक्त किया।

खास झलकियां

* स्कूली बच्चों से लेकर बच्चों के
माता पिता भी रैली में
थिरके,नाचे गाये।
* प्राचार्य से लेकर चपरासी तक
सभी ने न केवल नाचा गाया
अपितु वाद्य यंत्रों को बजाया
भी।
* चपरासी से लेकर प्राचार्य तक
सभी कर्मचारी धोती कुर्ता में
रहे।
* झमाझम बारिश से भी रैली में
शामिल लोगों का जोश ठंडा
नहीं पड़ा। बरसते पानी में भी
लोग जोश एवम उत्साह के
साथ नाचते दिखे।
* एक किलोमीटर की रैली में
तीन घण्टे का समय लगा।
* देश प्रेम ,लोक गीत, लोग
संगीत के साथ पूरे समय तक
रैली में शामिल लोग नाचते
गाते रहे।
* रैली में शामिल होने हेतु दस
गांव से पालक आये थे।
* जिले से आये हुए अधिकारियों
ने भी रैली में शामिल होकर
बच्चे तथा पालकों का उत्साह
बढ़ाने हेतु पूरे समय तक नाच
गान किया।
* इस कार्यक्रम में भारतीय
सांस्कृतिक विविधता की
झांकी देखने को मिली।

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