विद्यार्थियों को सामाजिक सरोकारों से जुड़े विषयों पर शोध करना चाहिए: राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन

पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय का 27वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न

रायपुर। राज्यपाल एवं कुलाधिपति विश्वभूषण हरिचंदन की अध्यक्षता में आज यहां पं. रविशंकर विश्वविद्यालय रायपुर का 27वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न हुआ। समारोह में अति विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल एवं मुख्य अतिथि प्रो.(डॉ.) बुद्ध रश्मि मणि उपस्थित थे। दीक्षांत समारोह में प्रख्यात कवि श्री माधव कौशिक को मानद उपाधि, 45 हजार से अधिक विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, स्नातक एवं स्नातकोत्तर पी एच डी की डिग्री प्रदान की गई।
राज्यपाल ने डिग्री प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विद्यार्थियों को अपने ज्ञान का प्रयोग, समाज और राष्ट्र की भलाई के लिए करना चाहिए। राज्यपाल श्री हरिचंदन ने कहा कि विद्यार्थियों को शोध के क्षेत्र में ऐसे विषयों पर काम करना चाहिए जैसे सामाजिक न्याय, टिकाऊ विकास, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण आदि जो ज्वलंत मुद्दे हैं और जिन पर बहुत कुछ शोध किए जाने की आवश्यकता हैं, आज पूरा विश्व ऐसी चुनौतियों से जूझ रहा है। इसके अलावा विद्यार्थियों को सॉफ्ट स्किल्स और नैतिक मूल्यों पर भी बराबरी से ध्यान देना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों का वंचित वर्ग के लोगों के लिए काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि युवाओं को राष्ट्र की प्रगति के लिए आगे बढ़कर कार्य करना चाहिए और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की संकल्पना विकसित भारत में सक्रिय होकर भाग लेना चाहिए। विद्यार्थियों में राष्ट्रीय भावना जागृत होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि आज यहां काफी संख्या में लड़कियों को स्वर्ण पदक प्राप्त करते देखना खुशी की बात है। महिलाएँ दुनिया की लगभग आधी आबादी हैं और वे न केवल प्रमुख हितधारक हैं, बल्कि विकास प्रक्रिया की वास्तुकार भी हैं। यह सिर्फ आपकी व्यक्तिगत जीत नहीं है, यह सही अवसरों और वातावरण के साथ सशक्त होने पर महिलाओं की असीमित क्षमता का एक शक्तिशाली प्रमाण है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत अपना अमृत काल मना रहा है। आज भारत की स्थिति विश्व में काफी मजबूत है।
समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि शिक्षा का क्षेत्र अत्यन्त व्यापक है, लेकिन इसका अंतिम लक्ष्य युवाओं के सर्वांगीण विकास के साथ उनके कौशल को राष्ट्र निर्माण की मुख्य धारा से जोड़ना है। वर्तमान युग में नवाचार, समावेशी शिक्षा, तकनीकी योग्यता और कौशल विकास किसी भी शिक्षा-प्रणाली के महत्वपूर्ण घटक बन चुके हैं। हमारी सरकार प्रदेश में उच्च शिक्षा को नई पहचान दिलाने हेतु सदैव कृतसंकल्पित रही है। शिक्षा के क्षेत्र में भारत को विश्वस्तर पर पुर्नस्थापित करने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षण और शोध पर विशेष जोर देना होगा।

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