नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत गांवों में लोगों को सभी बुनियादी सुविधाएं और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले: मुख्य सचिव

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रायपुर। मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा है कि नियद नेल्लानार योजना में शामिल बस्तर संभाग के कांकेर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बीजापुर और सुकमा जिले के गांवों में लोगों को उनकी आवश्यकतानुसार सभी बुनियादी सुविधाएं एवं कल्याणकारी योजनाओं का फायदा मिले यह सुनिश्चित किया जाए। मुख्य सचिव श्री जैन आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में नियद नेल्लानार योजना की राज्य स्तरीय समिति की बैठक में अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे।

योजना क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, शिक्षा, खाद्यान्न, पोषण आहार, खेल सुविधा, पेयजल सहित वहां के किसानों को किसान सम्मान निधि और खाद-बीज समय पर मिले यह सुनिश्चित करने कहा गया है। मुख्य सचिव ने इन गांवों में शासन की सभी कल्याणकारी योजनाओं के तहत दी जाने वाली सेवा और सुविधा सुचारू रूप से मिलती रहे यह सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में बस्तर संभाग के कमिश्नर, आईजी और कलेक्टर्स शामिल हुए।

मुख्य सचिव ने पांचों जिलों के कलेक्टरों से नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों की जिलावार विस्तार से समीक्षा की। अपर मुख्य सचिव वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ऋचा शर्मा और प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग निहारिका बारिक सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख अधिकारी शामिल हुए।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को नियद नेल्लानार योजना में शामिल गांवों में स्वास्थ्य कैम्प आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा आवश्यकतानुसार स्वास्थ्य केन्द्र खोले जाए जिससे लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके। मुख्य सचिव ने योजना क्षेत्र के सभी गांवों के लोगों को राशनकार्ड उपलब्ध कराने एवं प्रत्येक राशनकार्ड धारक को निशुल्क खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा है कि उज्जवला योजना के सभी हितग्राहियों गैस कनेक्शन उपलब्ध कराएं जाए। इसी प्रकार से सभी ग्रामों में विद्युतीकरण हो, वहां के गांव, स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, पंचायतों और स्वास्थ्य केन्द्रों में अनिवार्य रूप से बिजली की सुविधा हो यह सुनिश्चित की जाए। क्षेत्र के लोगों द्वारा संग्रहित वनोपजों को शासन द्वारा निर्धारित मूल्य पर क्रय किया जाए। इसी तरह से वनाधिकार पट्टा के हितग्राहियों को सभी जरूरी सुविधा उपलब्ध करायी जाए। योजना क्षेत्र के युवाओं को खेल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए खेल मैदानों का निर्माण और खेल सामग्री भी उपलब्ध करायी जाए। ग्रामीण युवाओं को सभी जरूरी टेªडों में कौशल विकास के अंतर्गत वहां के विभिन्न विकासखण्डों में मौजूद आईटीआई में प्रशिक्षण दिया जाए। क्षेत्र में स्वीकृत सभी शाला भवनों का निर्माण हो इसकी लगातार मॉनिटरिंग हो और यह सुनिश्चित किया जाए कि वहां के गांवों के बच्चें शिक्षा से वंचित नहीं हो।

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