कबाड़ से जुगाड़ के तहत दिया जा रहा जल संरक्षण का संदेश
धमतरी। पानी प्रकृति की अनमोल देन है और इसे संरक्षित करने वैश्विक मंच आज चिंता और चिंतन कर रहा है। इसी ध्येय को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन धमतरी द्वारा जल जगार महोत्सव का दो दिवसीय आयोजन 05 अक्टूबर से किया गया है, जिसके तहत जल संरक्षण पर आधारित अनेक कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। इसी क्रम में “कबाड़ से जुगाड़” इकाई में विभिन्न थीम पर आधारित प्रोजेक्ट तैयार किए गए हैं जो पानी की बचत का संदेश दे रहे हैं। उन्हीं में से एक है – पीकू, दि वॉटर गार्डियन। उद्योगों के वेस्ट मटेरियल और बचे हुए आयरन स्क्रैप से पीकॉक यानी मोर का आकर्षक आकार तैयार किया गया है। इसे बनाने वाले श्री अभिषेक कुमार सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि पीकू को तैयार करने में लगभग डेढ़ माह लगे, जिसके लिए विभिन्न इंडस्ट्रीज के अलावा कबाड़ से सामान एकत्रित किया गया। उन्होंने बताया कि घरों की छत से ओवर फ्लो के रूप में बहने वाले पानी को संरक्षित करने की थीम पर यह आधारित है। पीकू की आंख और पंख में कैमरे लगे हुए हैं। अनावश्यक बहने वाले पानी को रोकने अगर कोई नल की टोंटी बंद करने जाएगा। उसकी तस्वीर कैमरे में कैद हो जाएगा और साइड में लगी एलईडी पर उसकी कैप्चर्ड फोटो सहित एक बधाई संदेश आएगा जिसमें लिखा रहेगा कि, धन्यवाद ! आप प्रकृति के संगवारी हैं और , आपने 10 हजार लीटर पानी अर्थात 30 हजार मूल्य के जल संसाधन की बचत की है। जल जगार महोत्सव में इस थीम को पर्यटकों और दर्शकों का बेहतर प्रतिसाद मिल रहा है।
स्क्रैप मेटल से तैयार पहाड़ी मैना, रोबोट और लड़का-लड़की दे रहे जल बचाने का संदेश
गंगरेल जलाशय के किनारे गार्डन में कबाड़ से जुगाड़ थीम पर आधारित विभिन्न प्रदर्शनी लगाई गई है। बड़ौदा गुजरात से पहुंचे श्री अभिषेक सिंह और चिरायु सिन्हा सहित “कर्व्स एंड कलर्स” की 18 सदस्यीय टीम ने इसे तैयार किया है। पीकू के अलावा पहाड़ी मैना, जो राजकीय पक्षी पर आधारित कबाड़ से जुगाड़ तैयार किया गया है। श्री सिंह ने बताया कि चूंकि पहाड़ी मैना वहीं रहती है जहां पानी की प्रचुरता होती है, इसलिए जल संरक्षण को बेहतर ढंग से प्रस्तुत करने के लिए पहाड़ी मैना तैयार किया गया है। इसके अलावा कबाड़ से जुगाड़ के तहत तैयार किए गए लड़का और लड़की भी बीच में जल की बूंद को एक साथ धारण किए हुए है। इसी प्रकार रोबोटनुमा बालक गंदे पानी को देखकर आश्चर्य मिश्रित मुंह पर हाथ रखा हुआ है।
इसके अलावा ट्रेनिंग लेते जवानों का स्क्रैप सहित और भी बहुत कुछ थीम “कबाड़ से जुगाड़” के अंतर्गत तैयार किया गया है, जिसे आम लोगों सहित स्कूली विद्यार्थी, युवक युवती, पर्यटक सहित अन्य आगंतुक अवलोकन कर जल बचाने की सकारात्मक सीख ले रहे हैं।