रबी सीजन के लिए किसानों को दलहन तिलहन फ़सल के लिए दिया जा रहा ऋण

शिविर के ज़रिए फ़सल चक्र परिवर्तन के लिए किया जा रहा प्रोत्साहित
ग्रीष्मकालीन धान के बदले दलहन- तिलहन फ़सल लेने किसानों से कलेक्टर ने की अपील

दलहन, तिलहन फ़सल लेने जिले के किसान उत्साहित

धमतरी। जिले में जल एवं पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जिला प्रशासन द्वारा एक और नई पहल की जा रही है, जिसके तहत रबी सीजन में दलहन तिलहन की खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी की पहल पर किसानों की वैचारिक स्थिति में परिवर्तन लाने किसानों से चर्चा- परिचर्चा कर उन्हें प्रशिक्षण और दलहन तिलहन कि खेती से होने वाले लाभो को बताने के लिए शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं। किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो, इसके लिए फसल ऋण भी प्रदाय किये जा रहे है। जिले में किसानों को आज से रबी सीजन हेतु फसल ऋण प्रदाय किया जा रहा है। फसल चक्र परिवर्तन को लेकर जिले के किसान काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं। इसी का परिणाम है कि रबी सीजन में दलहन तिलहन फसलों की खेती के लिए अब तक जिले के 356 किसानों ने अपने नजदीकी सोसाइटियों में ऋण हेतु आवेदन प्रस्तुत किए हैं, जिसका कुल रकबा 321.81 हेक्टैयर है और इन आवेदक किसानों का 89 लाख रूपये स्वीकृत किया गया है।

कलेक्टर नम्रता गांधी ने फसल चक्र परिवर्तन अपनाने किसानों से की अपील

जिले में गिरते भू-जल स्तर को ध्यान में रखते हुए धान को हतोत्साहित कर दलहन, तिलहन एवं कम जल मांग वाली फसलों का उत्पादन करने की अपील कलेक्टर सुश्री नम्रता गाँधी ने जिले के किसानो से की है। इसके मद्देनजर कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी ने जिले के जनप्रतिनिधियों, किसानो और नागरिकों की बैठक लेकर फसल चक्र परिवर्तन की योजना बनाने, ग्रीष्मकालीन फसल के रूप में दलहन, तिलहन, फल-फूल एवं सब्जी की फसल को लगाने, ग्रीष्मकाल में धान की फसल लगाने से होने वाले नुकसान पर चर्चा करने का आग्रह किया है।

कलेक्टर सुश्री गांधी ने कहा कि फसल परिवर्तन हेतु जिले में संचालित बीज प्रक्रिया केन्द्र कुरूद के मरौद एवं धमतरी के कलारतराई में बीज उत्पादन के लिए अधिक से अधिक पंजीयन कराएं तथा कृषि विभाग में संचालित योजनाओं से दलहन, तिलहन की खेती का लाभ उठाएं। बीज उत्पादन अंतर्गत ली गई दलहन, तिलहन फसल को किसानों से उक्त बीज प्रक्रिया केन्द्रों द्वारा निर्धारित दरों में खरीदी की जाएगी तथा बीज उत्पादन के अतिरिक्त फसलों के उत्पाद को कृषि उपज मंडी, कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) के माध्यम से विक्रय की जा सकती है। उन्होंने कहा की यदि कोई गांव 100 एकड़ या इससे अधिक क्षेत्र में ग्राम के किसानों द्वारा फसल परिवर्तन को अपनाया जाता है, तो उक्त ग्राम पंचायत को आने वाले समय में जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया जाएगा। कुछ किसानों द्वारा खरीफ के धान फसलों की कटाई के बाद पराली जलाते हैं, जिससे वायु प्रदूषण होने के साथ ही मिट्टी के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है तथा किसानों के मित्र कीट नष्ट हो जाते हैं। अतः अपने ग्राम पंचायत की ग्राम सभा में पराली न जलाने का प्रस्ताव पारित करें व कड़ी प्रतिबंध लगाए तथा किसानों, नागरिकों को जागरूक करें।

रबी 2024-25 हेतु अनाज, दलहन एवं तिलहन के प्रमाणित बीजों के विक्रय के लिए दर निर्धारित
उपसंचालक कृषि मोनेश साहू ने बताया कि मसूर एवं उड़द फसलों की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर की जाएगी, इसके अलावा अन्य रबी फसलों का विक्रय किसान इ -एनएएम एवं ई – समृद्धि पोर्टल में पंजीयन पश्चात कर सकते हैं। इसके साथ ही किसान उद्यानिकी फसलों के लिए भी ऋण ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि राज्य स्तरीय बीज विक्रय दर निर्धारण समिति द्वारा अनुमोदित रबी सीजन 2024-25 हेतु अनाज, दलहन एवं तिलहन के प्रमाणित बीजों के विक्रय दर निर्धारित किया गया है। जिसमें रबी 2024-25 कृषकों को विक्रय हेतु गेहूं ऊंची समस्त किस्मांे के लिए प्रति क्विंटल दर रूपये 3910, गेहूं बौनी 10 वर्ष के अंदर हेतु 3670 रूपये और 10 वर्ष से बाहर के लिए 3870 रूपये दर निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार चना 10 वर्ष के अंदर के लिए 8665 रूपये और 10 वर्ष से बाहर के लिए 9085 रूपये निश्चित है। साथ ही मटर की समस्त किस्मों के लिए 9550 रूपये, मसूर के लिए 10 हजार रूपये, मूंग के लिए 11500 रूपये, उडद के लिए 12600 रूपये, तिवडा के लिए 6120 रूपये, सरसों 7770 रूपये, अलसी के लिए 9765 रूपये, कुसुम 8760 रूपये, और मूंगफल्ली के लिए 10795 रूपये प्रति क्विंटल दर निर्धारित की गयी है। जिले के किसान उन्नत किस्म के बीज इन दरों पर क्रय कर सकते है।

Leave a Comment

Notifications