जन्म उपरांत शिशु का जाति प्रमाण पत्र किया जाए जारी

कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी नम्रता गांधी ने निर्देशों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश

धमतरी। वर्तमान में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछडा वर्ग के छ.ग. के स्थानीय निवासियों के जाति प्रमाण पत्र सक्षम प्राधिकारियों द्वारा छ.ग. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछडा वर्ग (सामाजिक प्रास्थिति के प्रमाणीकरण का विनियमन) अधिनियम 2013 एवं उसके तहत बनाए गए छ.ग. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछडा वर्ग (सामाजिक प्रास्थिति के प्रमाणीकरण का विनियमन) अधिनियम 2013 के प्रावधानों एवं शासन के निर्देशों के अनुसार जारी किए जा रहे है। शासन द्वारा लिए गये निर्णय अनुसार उपरोक्त जाति/वर्ग के व्यक्तियों के परिवार में शिशु के जन्म के उपरांत उसके पिता की जाति के आधार पर शिशु का जाति प्रमाण पत्र भी निर्धारित प्रारूप में सक्षम अधिकारी द्वारा जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाना है।

इसके मद्देनजर कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी   नम्रता गांधी ने संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और सभी तहसीलदार, नायब तहसीलदारों को निर्देशित किया कि उपरोक्त निर्णय का अनुपालन किया जाए। जारी निर्देशानुसार जाति प्रमाण पत्र जारी किए जाने हेतु शिशु के पिता की जाति के संबंध में वर्ष 2006 के उपरांत अर्थात् 01 जनवरी 2007 से शिशु के नाम पर जाति प्रमाण पत्र जारी करने के दिनांक तक सक्षम प्राधिकारी द्वारा शिशु के पिता के नाम पर जारी किए गये जाति प्रमाण पत्र के आधार पर शिशु का जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाए। आवेदन पत्र के साथ परिवार से संबंधित राशन कार्ड, शिशु के माता, पिता का आधार कार्ड, उनका निवास प्रमाण पत्र, नवजात शिशु के सगे बडे़ भाई-बहन के नाम जारी सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी जाति प्रमाण पत्र की प्रति यथासंभव संलग्न किया जाए। शिशु के जन्म के संबंध में सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किए गये जन्म प्रमाण पत्र की मूल प्रति, पिता के जाति प्रमाण पत्र की मूल प्रति की जांच सक्षम प्राधिकारी द्वारा की जाए। पोर्टल से यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि संबंधित जाति प्रमाण पत्र सक्षम प्राधिकारी द्वारा जारी किया गया है। शिशु की जाति प्रमाण पत्र हेतु उसके पिता/माता/वैध पालक द्वारा निर्धारित प्रारूप में आवेदन किया जाए। यह आवेदन पत्र प्रसव उपरांत तत्काल संबंधित डेटा एन्ट्री ऑपरेटर, अस्पताल प्रमुख द्वारा नियुक्त नोडल अधिकारी/सहायक नोडल अधिकारी द्वारा पूर्ति करा लिया जावे एवं निकटतम लोक सेवा केन्द्र में आवेदन पत्र का उपरोक्तानुसार मय दस्तावेज ऑनलाईन पंजीयन करा लिया जाए। पिता की जाति के आधार पर शिशु का जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाए।
संस्थागत प्रसव के लिए स्टेक होल्डर्स जैसे मितानिन, ऑगनबाडी कार्यकर्ता/सहायिका, संबंधित ए.एन.एम., बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता, पटवारी, सचिव ग्राम पंचायत, कोटवार, दाई आदि को भलीभांति प्रशिक्षित किया जाए, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि संबंधित नवजात शिशु के माता-पिता वांछित दस्तावेजों सहित संस्थागत प्रसव के समय अस्पताल में लेकर पहुँच सके। संबंधित अस्पतालों में लोक सेवा केन्द्रों की सूची उपलब्ध कराया जाए, जिसमे लोक सेवा केन्द्र के संचालक का नाम, केन्द्र का स्पष्ट पता व संचालक का मोबाईल नंबर वॉट्सअप युक्त स्पष्ट रूप से अंकित हो। लोक सेवा केन्द्र के संचालकों को स्पष्ट रूप से दिशा, निर्देश दिया जावे कि इस कार्य में पूर्ण रूप से सहयोग करे। इस संबंध में कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए नोडल/ सहायक नोडल अधिकारी के रूप में प्राधिकृत करते हुए उत्तरदायी बनाया जाए एवं अस्पताल में उनका नाम व मोबाईल नंबर अंकित कराया जाए। अस्पताल के काउंटर के लिपिकों को इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिया जाए। प्रसव हेतु अस्पताल में भर्ती के पूर्व उपरोक्त स्टेक होल्डर्स के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाए कि शिशु के जन्म होते ही अविलंब शिशु का नाम रखा जाए, ताकि प्रमाण पत्र में शिशु का नाम स्पष्ट रूप से अंकित किया जा सके। शिशु को जारी किए गए जाति प्रमाण पत्र में अंकित उसके नाम परिवर्तन की स्थिति में प्रचलित प्रक्रिया अनुसार कार्यवाही की जा सकती है। सप्ताह में हुई प्रगति के संबंध में समय-सीमा की बैठक में प्रगतिशील जानकारी सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास जिला धमतरी के माध्यम से प्रस्तुत की जाए। जिला दण्डाधिकारी सुश्री गांधी ने कहा कि उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए।

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