Dhamtari : ट्राईफेड के एमडी हृदयेश कुमार पहुंचे दुगली वनधन विकास केन्द्र, गतिविधियों की ली जानकारी

धमतरी। ट्राईफेड के प्रबंध संचालक और धरती आबा अभियान के छत्तीसगढ़ प्रभारी हृदयेश कुमार ने सोमवार को अपने धमतरी-नगरी प्रवास के दौरान दुगली स्थित लघु वनोपज प्रसंस्करण एवं प्रशिक्षण केन्द्र का अवलोकन किया। उन्होंने केन्द्र में सचांलित विभिन्न गतिविधियों की जानकारी से ली। अधिकारियों ने बताया कि

प्रसंस्करण केन्द्र में सीजी हर्बल के लिए उत्पाद तैयार करने और उन्हें पैक करने का काम किया जाता है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि प्रदेश में एकमात्र वनधन विकास केन्द्र दुगली है, जिसमें एलोवेरा का प्रीमियम प्रोडक्ट तैयार किया जाता है। इसके अतिरिक्त यहां का अच्छी गुणवत्ता का तिखूर और प्राकृतिक शहद का प्रसंस्करण भी किया जाता है। भारत सरकार, आदिवासी विकास विभाग द्वारा वर्ष 2021 में वनधन विकास केन्द्र दुगली को प्रदेश में अधिक वनोपज संग्रहण के लिए अवार्ड भी दिया गया है। केन्द्र में दो महिला समूह जागृति स्व सहायता समूह और बम्लेश्वरी स्व सहायता समूह कार्यरत है। प्रभारी अधिकारी श्री कुमार ने प्रसंस्करण केन्द्र में अश्वगंधा चूर्ण की हो रही पैकेजिंग का भी अवलोकन किया। उन्होंने इस केन्द्र में उपलब्ध संसाधनों और मशीनों के बारे में भी वनमण्डलाधिकारी श्रीकृष्ण जाधव से जानकारी ली। इस दौरान कलेक्टर अबिनाश मिश्रा, सीईओ जिला पंचायत रोमा श्रीवास्तव भी मौजूद रहे।

ट्राईफेड के एमडी श्री कुमार ने केन्द्र में दोना-पत्तल निर्माण इकाई का भी अवलोकन किया। साथ ही समूह की महिलाओं से चर्चा करते हुए केन्द्र में कार्यरत महिलाओं की संख्या, उनके द्वारा तैयार दोना-पत्तल विक्रय और इससे मिलने वाली आय के बारे में जानकारी ली। महिलाओं की प्रतिनिधि श्रीमती रंभा ने बताया कि वे स्व सहायता समूह की महिलाएं हैं और आसपास के गांवों से काम करने आती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि हर माह उन्हें लगभग 6 से 7 हजार रूपये की आय हो जाती है। श्री कुमार ने इन महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों को बड़े़ बाजारां में बेचने के लिए पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।

वनमण्डलाधिकारी श्री जाधव ने बताया कि वनधन विकास केन्द्र दुगली में कुल 22 प्रकार की सामग्रियां तैयार की जातीं हैं। इनमें एलोवेरा जूस, साबून, बॉडीवॉश, शैम्पू, जैल, मॉस्चराईजर, हेयर कंडीशनर के साथ ही आंवला कैंण्डी, आंवला जूस, आंवला चूर्ण, बेहड़ा पावडर, त्रिफला चूर्ण, शतावर चूर्ण, अश्वगंधा चूर्ण, अर्जुन चूर्ण, जामुन गुठली चूर्ण, कालमेघ चूर्ण, तिखुर पावडर, बैचांदी चिप्स, माहुल पत्ता, शीशल रस्सी और शहद निर्मित किया जाता है। इनमें से 15 प्रकार की औषधि एवं खाद्य सामग्री का निर्माण शामिल है, जिसका आयुष एवं खाद्य विभाग से लायसेंस भी मिला है। यहां वर्ष 2023 से एलोवेरा का उत्पाद साबून, शैम्पू, मॉस्चराईजर, बॉडीवॉश आदि तैयार किया जा रहा है, जिसका ड्रग एवं कॉस्मेटिक विभाग से लायसेंस मिला है।

Leave a Comment

Notifications