
मुकेश कश्यप@ कुरूद…. सावन महीने के प्रारंभ होते ही चारो तरफ वातावरण में एक नया रूप प्रारंभ हुआ है। जिसका सीधा प्रभाव लोगों की दिनचर्चा पर हुआ है।
भीषण गर्मी के कोहराम के उपरांत मानसून के आगमन ने न केवल लोगों को राहत दी है बल्कि कृषि कार्यों से जुड़े लोगों को भी खुशहाली रूपी इनाम प्रदान किया है। इस बीच सावन महीने के आगमन के साथ त्यौहारो के आगाज होने से धरती महक उठी है। इसी बीच कुरूद में प्रतिवर्ष की परंपरा के अनुसार चंद्राकर भवन में मातृशक्तियों ने सावन महोत्सव मनाया।
इस दौरान पारंपरिक हरे ड्रेस कोड के साथ सभी ने आपस में मिलकर एक दूसरे को सावन के आगमन की बधाई दी।इस बीच विभिन्न खेलों का आयोजन हुआ और सभी ने पूरे उत्साह के साथ इसमें भाग लिया। इसके साथ ही सावन झुला झूलने की परंपरा का निर्वहन किया। साथ ही सभी ने एक साथ नृत्य का आनंद लेते हुए इस कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया।
इस दौरान नेहा चंद्राकर , नमिता चंद्राकर ,शीला चंद्राकर ,प्रभा चंद्राकर, ममता, भारती ,श्वेता ,पूजा ,बरखा ,लक्ष्मी ,रेनू ,उर्वशी, परमेश्वरी , अनीता , अंजू , अंबिका , कल्पना ,नर्मदा ,गायत्री, रुचि ,लता, नंदिनी ,सुकून ,दुर्गा ,सविता द्रोपती ,मीना ,रतना ,कविता नंदिता अंजलि सहित मातृशक्तियां और बहने उपस्थित थी।